हर महीने 7,000 की आती है दवा
जीवन में एक के बाद कई मुश्किलें आईं और तेलंगाना सरकार से पुरस्कार के बाद मिलने वाली 1 करोड़ रुपये की नकद राशि पारिवारिक जरूरतों पर खर्च हो गई। 9 बच्चों के पिता मोगुलैया ने बताया, मेरे एक बेटे को दौरे पड़ते हैं। दवाओं (बेटे और खुद के लिए) के लिए मुझे हर माह 7,000 रुपए की जरूरत होती है। इसके अलावा नियमित चिकित्सा परीक्षण और अन्य खर्च भी हैं।
परिवार चलाने के लिए करनी पड़ी मजदूरी
उनके तीन बच्चों की बीमारियों से मौत गई। तीन विवाहित हैं, तीन अन्य अभी छात्र हैं। मोगुलैया ने बताया कि मैंने काम के लिए कई लोगों से संपर्क करने की कोशिश की। लोगों ने सहानुभूति जताई और मुझे छोटी-छोटी रकम भी दी, लेकिन कोई रोजगार नहीं मिला। अंत में परिवार को चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ी।
मानदेय भी हुआ बंद
मोगुलैया ने कहा कि हालात तब और भी मुश्किल हो गए जब राज्य सरकार से स्वीकृत 10,000 रुपए मासिक मानदेय हाल में बंद कर दिया गया। मैं मदद के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहा हूं और जनप्रतिनिधियों से मिल रहा हूं। सभी ने सकारात्मक जवाब दिया, लेकिन कुछ नहीं किया।
अभी तक नहीं मिला प्लाट
राज्य सरकार ने हैदराबाद के पास रंगारेड्डी जिले में मोगुलैया के लिए 600 वर्ग गज का प्लॉट देने की भी घोषणा की थी। इसका आवंटन दो साल बीतने के बाद भी लंबित है।