Agra News:
आगरा जिले के फतेहाबाद क्षेत्र में कक्षा एक का छात्र अभय 30 अप्रैल को अपने घर के बाहर खेलते समय गायब हो गया था। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद मामला अपहरण का निकला। जांच में जुटी पुलिस ने दो आरोपियों कृष्णा उर्फ भजनलाल और राहुल को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल आरोपी कृष्णा का पीड़ित परिवार से पहले झगड़ा हुआ था। इसी रंजिश में उसने अपने सहयोगी राहुल के साथ मिलकर बच्चे को अगवा करने की योजना दो महीने पहले ही बना ली थी। कृष्णा ने पहले बच्चे से मेलजोल बढ़ाया। उसे रोज टॉफी देता था। ताकि विश्वास जीत सके।
रोने की सजा गला दबाकर हत्या
शादी समारोह की चहल-पहल के बीच 30 अप्रैल को दोनों आरोपी मासूम को बहाने से स्कूटी पर बिठाकर ले गए। रास्ते में जब बच्चा रोने लगा। घर जाने की जिद करने लगा। तो उन्होंने गला घोंटकर उसकी जान ले ली। फिर प्लास्टिक के बोरे में शव को रखकर राजस्थान के मनिया क्षेत्र में ले जाकर दफना दिया।
80 लाख की फिरौती के लिए भेजे गए पत्र
हत्या के बाद भी आरोपियों ने परिवार से संपर्क कर चार बार फिरौती की मांग की। पत्रों के जरिए उन्होंने 80 लाख रुपये की मांग रखी। परिजनों को झांसा देने के लिए आरोपियों ने ऐसा नाटक किया मानो बच्चा जिंदा हो।
जन सेवा केंद्र से चलता रहा अपराधी का खेल
चौंकाने वाली बात यह है कि मुख्य आरोपी कृष्णा का जनसेवा केंद्र पीड़ित परिवार के घर से कुछ ही कदम की दूरी पर था। पुलिस अधिकारी जब बच्चे की तलाश में आते थे। तब कृष्णा सामान्य बातचीत करता और सहयोगी बना रहता। वहीं, राहुल भी रोजमर्रा की दिनचर्या में व्यस्त दिखता रहा।
विनीत का खुलासा, पहले भी कही थी संदिग्ध बात
मृतक के भाई विनीत ने बताया कि वह अक्सर कृष्णा की दुकान पर जाता था। कृष्णा कई बार कहता था कि एक दिन वह ऐसा काम करेगा। जिसे सब याद रखेंगे। लेकिन किसी ने अंदाजा नहीं लगाया था। कि वह ऐसा खौफनाक कदम उठाएगा।
जमीन बिक्री की जानकारी से बना मकसद
परिवार की आर्थिक स्थिति को जानते हुए कृष्णा ने फिरौती के लिए योजना बनाई थी। मृतक के दादा ने छह माह पहले 35 लाख रुपये में जमीन बेची थी। जिसकी जानकारी आरोपियों को थी।
अंत में पत्रों से हुई गिरफ्तारी
फिरौती मांगने के लिए भेजे गए पत्र ही अंत में पुलिस के लिए सबसे बड़ा सुराग बन गए। जांच के दौरान पुलिस ने संदिग्धों की निगरानी बढ़ाई। रविवार को राहुल को पकड़ने में सफलता मिली। कृष्णा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। और उसकी निशानदेही पर 80 दिन बाद राजस्थान से मासूम का शव बरामद हुआ।