वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
विद्यालय के हेड मास्टर के अनुसार मंगलवार को प्रार्थना के समय ग्राम पंचायत सचिव सुशील चाहर विद्यालय पहुंच गए। यहां प्रार्थना में व्यवधान उत्पन्न करने लगे। छात्र सुमित, प्रशांत, निखिल, नितेश, दुर्गेश, अंकित, मयंक, शशिकांत, देवेश, कुलदीप सहित छात्रा कविता, सलोनी, अंजलि, योग्यता और निधि विद्यालय की ड्रेस पहनकर नहीं आई थीं। उन्होंने ड्रेस पहनकर न आने वाले इन छात्र-छात्राओं को अलग कर दिया। धूप में उन्होंने छात्रों को मुर्गा बना दिया। छात्राओं को हाथ ऊपर करके खड़ा कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम की वीडियो किसी ने बना ली और सोशल मीडिया पर वायरल कर दी।
परिजनों के खिलाफ अपशब्द
छात्राओं का आरोप है कि ग्राम पंचायत सचिव ने उन्हें डंडे से मारा और परिजनों के खिलाफ अपशब्द भी कहे। घटना की जानकारी परिजनों और ग्रामीणों को हुई। वे विद्यालय पहुंच गए। यहां उन्होंने सचिव के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए हंगामा कर दिया। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए ग्राम पंचायत सचिव ने 112 पर कॉल कर दिया। मामला गरमाने पर खेरागढ़ विकास खंड अधिकारी सुष्मिता यादव भी मौके पर पहुंच गईं। उन्होंने ग्रामीणों को बमुश्किल शांत कराया।
स्कूल के निरीक्षण का नहीं है अधिकार
बेसिक शिक्षा विभाग के संचालित स्कूलों के निरीक्षण का अधिकार शासन ने प्रशासनिक अधिकारियों को दिया है। जनपद स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों को महीने में पांच-पांच विद्यालयों का निरीक्षण करना हैं। ब्लॉक स्तर पर एसडीएम, बीडीओ और सीडीपीओ को पांच-पांच विद्यालय निरीक्षण का अधिकार है। ग्राम पंचायत सचिव को विद्यालय के निरीक्षण का अधिकार नहीं हैं।
विवादों से रहा है गहरा नाता
ग्राम पंचायत सचिव सुशील कुमार पर परिवार रजिस्टर में नाम बढ़ाने व शुद्धिकरण के नाम पर रिश्वत के आरोप भी लगे हैं। इसके स्क्रीन शॉर्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।
खंड शिक्षाधिकारी पहुंचे जांच को
घटना की जानकारी मिलते ही दोपहर 3.14 मिनट पर खंड शिक्षाधिकारी दीपक कुमार जांच के लिए स्कूल पहुंच गए। यहां उन्होंने उपस्थित बच्चों, स्टाफ और अभिभावकों से वार्ता की। उन्होंने लिखित में ग्राम पंचायत सचिव द्वारा की गई घटना से अवगत कराया। बोले, करीब एक घंटे छात्रों को मुर्गा और छात्राओं को हाथ ऊपर करके खड़ा रखा है। शुरुआत में उन्होंने विद्यालय के शिक्षकों को ट्रांसफर कराने, सीडीओ और डीएम को बुलाने धमकियां दीं। विगत 24 फरवरी को विद्यालय का पत्र व्यवहार रजिस्टर को सीन किया। 22 फरवरी को रजिस्टर के फोटो खींचे गए। उनके द्वारा बच्चों और शिक्षकों का मानसिक उत्पीड़न जारी था। उन्होंने ग्राम पंचायत सचिव द्वारा किए गए कृत्य को बाल अपराध, बाल उत्पीड़न माना है। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी से अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की है।