कांग्रेस शासित राज्यों में भी ईवीएम से ही बनी सरकारें
बघेल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि हर चुनाव में ये लोग ईवीएम और चुनाव आयोग की आलोचना करते हैं। आयोग में कोई गड़बड़ी नहीं है, यह एक संवैधानिक संस्था है। आयोग की कार्यप्रणाली और ईवीएम से हुए चुनाव में तीन बार दिल्ली में केजरीवाल की सरकार बनी। दो बार पूर्ण बहुमत से एक बार कांग्रेस के समर्थन से बनी। उत्तर प्रदेश में मायावती (बहुजन समाज पार्टी) और अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी) की सरकार बनी। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ईवीएम से हुए वोटिंग के आधार पर बनी। तेलंगाना, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। कांग्रेस का शुरू से ही रोना रहा है जब उनकी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है तो वे ईवीएम को दोषी ठहराते हैं। अगर राहुल गांधी को दोषी ठहराना है तो उन्हें उन राज्यों की सरकारों को भी दोषी ठहराना चाहिए, जहां कांग्रेस की सरकार चल रही है।
एसटी हसन के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया
समाजवादी पार्टी के नेता एस.टी. हसन की ओर से मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा से पहले ढाबे पर काम करने वाले कर्मचारी के कपड़े उतरवाकर चेकिंग करने के मामले में दिए गए विवादित बयान पर केंद्रीय राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि पहलगाम की घटना की तुलना कांवड़ यात्रा की “सावधानियों” से करना पूरी तरह से निराधार है। ऐसे बयान देने वाले लोग कांवड़ यात्रा के खिलाफ झूठी बातें फैलाकर अपने हितों के लिए मुस्लिम समूहों को खुश करने और एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। सनातन बहुत लिबरल है, इसीलिए कोई भी इस तरह के बयान दे सकता है।