‘प्रसाद में मिलावट की वजह से भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़’
सरकार के आदेश से मंदिरों के पुजारियों और महंतों को बहुत आश्वासन मिला है। उन्होंने कहा, कैलाश मंदिर के बाहर मिलने वाले प्रसाद में कुछ रूप से मिलावट की जाती है। यहां भारी संख्या में भक्त आते हैं। मंदिर के बाहर से प्रसाद खरीदते हैं और भगवान को भोग लगाते हैं। इसके बाद वह प्रसाद ग्रहण करते हैं। प्रसाद में मिलावट की वजह से सैकड़ों भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ हो रहा है जो कि ठीक नहीं है। ‘मंदिर के बाहर सूजी मिलाकर मिल्क केक बेचा जा रहा’
महंत ने आगे कहा कि मैं आगरा प्रशासन से मांग करता हूं कि कैलाश मंदिर के बाहर मिलने वाले प्रसाद की जांच कराई जाए। यहां देखा जाए कि प्रसाद में किस प्रकार की मिलावट की जा रही है और प्रसाद की गुणवत्ता क्या है। प्रसाद बनाने के लिए कौन-कौन सी सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है। उनके मुताबिक मंदिर के बाहर सूजी मिलाकर मिल्क केक बेचा जा रहा है। जिसकी कई बार यहां पर श्रद्धालुओं ने शिकायत भी की है। श्रद्धालुओं के अनुसार, मिलावट से भरे प्रसाद को खाकर उनका व्रत भंग हो गया है।
क्या है तिरुपति बालाजी विवाद का मामला?
बता दें कि तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर देशभर के प्राचीन मंदिरों ने हाल ही में अपने यहां मिलने वाले प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर जानकारी दी थी। इसमें उज्जैन के महाकाल मंदिर प्रशासन व वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट ने भी जानकारी साझा की थी।