यह पॉलिसी केन्द्र की ईसीएमएस पॉलिसी से सुसंगत है। इसके तहत 100 प्रतिशत टॉपअप का अनुकरण कर आसानी से सहायता प्रोत्साहन दिए जाएंगे। एमईआईटीवाई द्वारा ईसीएमएस अंतर्गत मंजूर प्रोजेक्ट के गुजरात में स्थापित होने पर उन्हें स्वतः समान अनुदान लाभ की पात्रता मिलेगी। केन्द्र से सहायता भुगतान के 30 दिन में गुजरात सरकार भी प्रोत्साहन सहायता दे देगी।
अप स्ट्रीम इंडस्ट्री को मिलेगी गतिदेश के इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट लैंडस्केप में मैन्युफैक्चरिंग हब गुजरात ऑटो हब वाला राज्य भी है। यहां चार सेमीकंडक्टर प्लांट हैं। इस पॉलिसी से अपस्ट्रीम इंडस्ट्री को भी गति मिलेगी। आयात निर्भरता घटेगी, टेक्नोलॉजिकल रेजिलिएंस में वृद्धि होगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट, डिस्प्ले लिथियम आयन को प्रोत्साहन
इस पॉलिसी के चलते राज्य में मल्टीलेयर, एचआईडी प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, लिथियम आयन सेल, एसएमडी पैसिव कम्पोनेंट्स, डिसप्ले एवं कैमरा मॉड्यूल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स, उसके उत्पादन के लिए जरूरी मशीनरी ,उद्योगों व इकाइयों को प्रोत्साहन मिलेगा। गुजरात की मान्य संस्थाओं में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, फिनिशिंग स्कूल, एप्लाइड रिसर्च लैब को राज्य सरकार 12.5 करोड़ तक की मदद देगी। जीईसीएमएस अंतर्गत टर्नओवर लिंक्ड इंसेंटिव छह वर्ष तक मिलेगा।
यह हैं नीति की विशेषताएं-
-वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में गुजरात मजबूत होगा।-लोकल कम्पोनेंट, सब-असेम्बली उत्पादन को प्रोत्साहन देकर इलेक्ट्रॉनिक्स ग्लोबल वैल्यू चेन्स (जीवीसी) में आयात निर्भरता घटेगी, निर्यात बढ़ेगा। -इस पॉलिसी का लाभ लेने को 31 जुलाई 2025 तक आवेदन करना होगा।-गुजरात में उत्पादन यूनिट स्थापित करने के इच्छुक हों अथवा स्थापना प्रगति पर हों, ऐसे प्रोजेक्ट्स को लाभ मिलेगा। -इस नीति से लाभ प्राप्त इकाइयों को गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2022-28 का लाभ नहीं मिलेगा।-राज्य की इस नई नीति की समयावधि भारत सरकार की योजना के समान ही रहेगी।-इस नीति का क्रियान्वयन गुजरात स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन (जीएसईएम) की ओर से किया जाएगा।