2018 से 2021 तक रहे थे प्रदेश अध्यक्ष
इससे पूर्व चावड़ा वर्ष 2018 से वर्ष 2021 तक गुजरात कांग्रेस का नेतृत्व कर चुके हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने चावड़ा के इस अनुभव का लाभ लेने के लिए जिम्मेदारी सौंपी है। एनएसयूआई के दिनों में राजनीति सक्रिय चावड़ा 2004 में पहली बार उपचुनाव में बोरसद सीट से जीत दर्ज कर विधायक बने। वे 2007 में भी इसी सीट से जीते। इसके बाद वे 2012, 2017 और 2022 में लगातार तीन बार आंकलाव विधानसभा सीट से विधायक बने। दूसरी ओर आदिवासी नेता डॉ. तुषार चौधरी को विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता के रूप में जिम्मेदारी दी है। गत विधानसभा चुनाव में वे उत्तर गुजरात के साबरकांठा जिले की खेड ब्jहमा सीट से विधायक चुने गए। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अमर सिंह चौधरी के पुत्र ने पहली बार 2002 में दक्षिण गुजरात की व्यारा सीट से पहली बार विधायक बने थे। वे 2004 और 2009 में दो बार मांडवी सीट से दो बार लोकसभा चुनाव जीता और केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं।
30 वर्ष से सत्ता से बाहर
गुजरात में कांग्रेस पिछले 30 वर्षों से सत्ता से बाहर है। गत माहविधानसभा की दो सीटों पर पार्टी की हार हुई। वहीं स्थानीय निकाय चुनाव में भी कांग्रेस का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। अब आगामी महानगरपालिका चुनावों में पार्टी की अग्निपरीक्षा होगी।