फॉयसागर झील को कहेंगे वरुण सागर
अजमेर की प्रसिद्ध फॉयसागर झील को अब वरुण सागर नाम से पुकरा जाएगा। करीब 132 साल पहले अकाल राहत व शहर की पेयजल आपूर्ति के लिए अंग्रेज अधिकारी कर्नल फॉय ने इस झील का निर्माण करवाया था। उसके बाद से कर्नल फॉय के नाम पर इस झील को फॉयसागर झील के नाम से जाना जाने लगा है। पर अब वरुण सागर इसका नया नाम होगा। यहां पर वरुण देव की प्रतिमा लगेगी। वरुण देव भगवान झूलेलाल का अवतरित स्वरूप व सिंधी सहित अन्य समाजों के आराध्यदेव हैं।
किंग एडवर्ड मेमोरियल का भी नाम बदला
भाजपा सरकार ब्रिटिश काल की उन सभी निशानियों को हटाने के लिए प्रतिबद्ध है जो राष्ट्रीय अस्मिता को ठेस पहुंचाती हैं। इससे पूर्व अजमेर में किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम बदल कर हिंदू दार्शनिक महर्षि दयानन्द के नाम पर महर्षि दयानन्द विश्रांति गृह रखा गया है। सहकारिता विभाग के माध्यम से आधिकारिकतौर पर नाम परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी की गई है। अजमेर रेलवे स्टेशन रोड पर स्थित यह भवन वर्ष 1912-13 में मुख्य रूप से अजमेर और पुष्कर जाने वाले यात्रियों को सस्ती दरों पर आवास सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बनाया गया था।
‘खादिम’ बना ‘अजयमेरु’
अजमेर के 45 साल पुराने मशहूर होटल ‘खादिम’ का भी नाम बदल दिया गया है। यह होटल राज्य सरकार का एक उपक्रम राजस्थान पर्यटन विकास निगम चलाता है। राजस्थान पर्यटन विभाग के इस होटल का नाम ‘खादिम’ से बदल कर अजयमेरू रख दिया गया है। अजमेर को ऐतिहासिक रूप से ‘अजयमेरु’ के नाम से जाना जाता था। अजमेर सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिए मशहूर है। दरगाह की देखरेख करने वाले लोगों को ‘खादिम’ कहा जाता है।