अजमेर नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत बीमारी के इलाज में धोखाधड़ी का शिकार हो गए। हैदराबाद के एक रिसर्च सेंटर के कथित चिकित्सक ने विदेशी चिकित्सा पद्धति से उपचार के नाम पर करीब 19 लाख रुपए की चपत लगा दी। मामले में अब शेखावत ने अलवरगेट थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
पुलिस के अनुसार मदार निवासी सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने रिपोर्ट दी कि वह कुछ समय पहले घुटनों में दर्द समेत अन्य बीमारी से ग्रस्त थे। जुलाई 2023 में हैदराबाद की साइंटिफिक रिसर्च एण्ड डवलपमेंट ऑफ यूरोपियन वेलनेस संस्था के एजेंट अंकित शर्मा ने हैदराबाद में स्टेमसेल थैरेपी के लिए डॉ. रवि तेज आलम से इलाज कराने की सलाह दी। रवि तेज आलम ने मुलाकात के बाद इलाज के लिए 11 लाख 70 हजार रुपए कॉश्यस स्टुडियों प्रा. लि. के खाते में जमा कराने के लिए कहा।
आरटीजीएस से 2 अगस्त 2023 को एक लाख रुपए, 8 सितबर को 5 लाख, 16 फरवरी 2024 को 5 लाख रुपए, 20 फरवरी को 70 हजार जमा करवाए। रवि तेज ने कई बार हैदराबाद बुलाया। आने-जाने, होटल में ठहरने व टेस्ट पर करीब 4 लाख रूपए खर्च हो गए। आरोपी रवि ने बेरिटास रिहेब एण्ड हॉस्पिटल में भर्ती कराया और कई टेस्ट करवाए। विदेशी डॉक्टर साइमन ने स्टेमसेल इंजेक्शन लगाए। डिस्चार्ज होने पर वह अजमेर आ गए। आराम नहीं मिला तो रवि ने फिर 26 जुलाई 2024 को फिर हैदराबाद बुलाया। वहां पुन: इंजेक्शन दिए।
फर्जी इंजेक्शन लगाए
शिकायत में बताया कि फायदा नहीं मिलने पर उन्होंने अजमेर व जयपुर के वरिष्ठ चिकित्सकों से परामर्श लिया। चिकित्सकों ने बताया कि भारत में जानवरों के भ्रूण से निकाले गए स्टेमसेल से इलाज अभी तक एमसीआई व आईसीएमआर ने प्रमाणित नहीं किया है। देश में इस थैरेपी से इलाज नहीं किया जाता है। शेखावत का आरोप है कि रवि तेज डॉक्टर नहीं है। उसने स्टेमसेल का कोई इंजेक्शन आयातित नहीं किया बल्कि फर्जी इंजेक्शन दिए।
षड्यंत्र रचकर पहुंचाया नुकसान
शिकायत में बताया कि रवि तेज और यूरोपियन वेलनेस के सीईओ डॉ. माइक चान ने हैदराबाद में कॉन्फ्रेंस करके इलाज की गारंटी ली थी। डॉ. साइमन व वैरीटास अस्पताल के डॉक्टर ने अस्पताल में भर्ती रखकर गलत इलाज किया। आपराधिक षडयंत्र रचकर धोखे से 18 लाख 95 हजार रुपए की धोखाधड़ी की। अवैधानिक इलाज से जीवन को खतरे में डालकर अंगों को नुकसान पहुंचा। पुलिस ने रिपोर्ट पर रवि तेज आलम, डॉ. माइक चान, डॉ. साइमन व बेरिटास अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्जकर लिया।