जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने बताया कि रेलवे मंत्रालय ने पहले चरण के लिए 97 करोड़ रुपए की लागत से कार्य प्रारंभ किया है। पुष्कर रेलवे स्टेशन के पास नए प्लेटफार्म और कर्मचारियों के आवास बनने शुरू हो गए हैं।
परियोजना के तहत पुष्कर-मेड़ता के बीच आरओबी-आरयूबी बनाए जाएंगे। निर्माण कार्य की निगरानी के लिए रेलवे इंजीनियरों की तैनाती सहित दफ्तर खोला गया है। रावत ने बताया कि पुष्कर-मेड़ता लाइन से पर्यटन और औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी। बेहतर रेल कनेक्टिविटी से यात्रियों-पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।
यहां बनेंगे 4 रेलवे स्टेशन
पुष्कर-मेड़ता के बीच 51.34 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछेगी। इस रूट पर नांद, कोढ़, रियां और भैंसड़ा कला रेलवे स्टेशन बनेंगे। इसके अलावा 20 अंडरपास तैयार किए जाएंगे। इस रूट पर 5 रेलवे क्रॉसिंग होंगे। सामरिक दृष्टि से भी अहम होगी पुष्कर मेड़ता रेल लाइन
पुष्कर से मेड़ता तक का रेल मार्ग सामरिक दृ़ष्टि से भी अहम होगा। नसीराबाद छावनी तथा अन्य स्थानों के सैनिक कम समय में ज्यादा सफर तय करके बार्डर पर जल्द पहुंच सकेंगे।
अजमेर से वाया मारवाड़ जंक्शन होते हुए बीकानेर तक जाने में आर्मी को 520 किलोमीटर का सफर छह घंटे लगते हैं, मेडता से बीकानेर जाने में मात्र करीब पौने तीन घंटे की लगेंगे।
अजमेर से मारवाड़ जंक्शन होते हुए जैसलमेर पहुंचने में करीब 536 किलोमीटर छह घंटे लगते है नई लाइन बनने के बाद 460 किलोमीटर का सफर पांच घंटे में पूरा होगा।