आठ साल से कर रहे हैं तपस्या
महंत रमेश पुरी ने तीसरी कक्षा तक की पढ़ाई की है। इसके बाद वह 15 साल की उम्र में गुरु फूलेश्वर पुरी महाराज से गुरु दक्षिणा लेकर भक्ति भजन में रम गए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महंत ने बताया कि आठ साल से वह जन कल्याण के लिए खड़े- खड़े तपस्या करने का हठ योग कर रहे हैं।
गाड़ियों में सीट के सहारे होते हैं खड़े
महंत रमेश पुरी को शुरुआत में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन धीरे-धीरे वह उनको दिनचर्या में शामिल कर लिया। अब हठ योग में किसी तरह की बाधा नहीं आती। वह गाड़ियों में भी सीट के सहारे खड़े-खड़े जाते हैं। ड्रम के सहारे खड़े होकर करते हैं नींद पूरी
खड़े होकर तपस्या करने की वजह से वह खड़ेश्वर बाबा के नाम से प्रसिद्ध हो गए हैं। रमेश पुरी बताते हैं कि पूरी दिनचर्या खड़े-खड़े ही पूरी करते हैं। ड्रम के सहारे खड़े होकर नींद पूरी करते हैं। वह अपने साथ एक ड्रम लाए हैं। लगातार आठ साल से खड़े-खड़े उनके पांव में घाव हो गए हैं। वह कहते हैं कि घाव के लिए कोई औषधि का उपयोग नहीं करते हैं। तपस्या से ही उसे भी ठीक कर करेंगे।