किसानों का कहना है कि पछेती प्याज घाटे का सौदा साबित हो रहा है। बढ़ती मजदूरी, टैंट का खर्चा, पछेती प्याज वालों झेलना पड़ रहा है। गौरतलब है कि अलवर जिले में दो दिनों से मौसम में हुए बदलाव से बूंदाबांदी व बारिश का दौर जारी है। तापमान गिरने से ओस व कोहरा भी छा रहा है। मौसम विभाग ने अलवर सहित पूरे क्षेत्र में बारिश का अलर्ट जारी किया हुआ है। इसी को देखते हुए किसान अपनी प्याज की फसल को बारिश से बचाने के लिए पूरे खेत में टैंट लगा रहे हैं।
प्याज की बंपर पैदावार इस बार अलवर क्षेत्र में प्याज की बंपर पैदावार हुई है। जहां दीपावली से पहले ही प्याज को मंडी में बेचने के लिए ले जाने वाले किसानों ने इसका मुनाफा भी खूब लिया, लेकिन अब मौसम की मार और दामों में गिरावट आने से किसान एक बार फिर मायूस है। संजय सिंह, सुनील कुमार, जयकिशन, गुड्डू, सल्लू खान, मोहम्मद, रहमत, श्यामलाल, खिलाड़ी जाटव आदि का कहना है कि क्षेत्र के सैकड़ों गांवों में हजारों बीघा लाल प्याज की फसल पछेती रह गई। जहां एक बीघा खेत में करीब 50 से 60 हजार की लागत लग जाती है।
फिलहाल भाव 500 से 700 रुपए प्रति मण भाव रह गया। इस प्रकार से 20 से 40 हजार प्रति बीघा का नुकसान किसान को हो रहा है। मजदूरी भी महंगी हो गई। ऐसे में अब बारिश होने के कारण प्याज भी खराब हो रही है। जिससे दाम सही नहीं मिल रहे हैं।