बीते दिनों मुंडावर क्षेत्र में नकल कराने के विवाद का दो कॉलेजों का मामला पुलिस थाने में पहुंचा था। लेकिन राजीनामा से मामले को खत्म कर दिया गया। मामला मत्स्य विश्वविद्यालय एवं प्रशासन के संज्ञान में आया था, लेकिन दोनों कॉलेजों पर जांच करना मुनासिब नहीं समझा गया।
स्टाफ केवल कागजों में
निजी बीएड कॉलेज स्टाफ के मापदण्ड पर भी खरा नहीं उतर रहे हैं। एनसीईटी के नियम अनुसार बीएड के विद्यार्थियों को पढाने वाला नेट अथवा पीएचडी होना आवश्यक है। एक ही भवन में स्कूल व कॉलेज, सुविधाओं का अभाव
निजी बीएड कॉलेज संचालक एनसीईटी के मापदंडों को दरकिनार कर रहे हैं। ग्राम ढेलावास स्थित बीडीएमएल निजी बीएड कॉलेज में एक ही भवन में कॉलेज एवं शिक्षण संस्थाएं संचालित हो रही हैं, जो एनसीईटी के मापदंडों का खुला उल्लंघन है। इस क्षेत्र के ज्यादातर निजी बीएड कॉलेज में सुविधाओं के अभाव में कप्यूटर व विज्ञान प्रयोगशाला का अभाव बना हुआ है। अग्निशमन प्रमाण पत्र का नहीं होना, कई बीएड कॉलेजों ने साइट अपडेट नहीं की है। हालांकि आने वाले दिनों में नया सत्र शुरू होने वाला है। मत्स्य विश्वविद्यालय से संबंधित किसी भी कॉलेज से शिकायत आती है तो नियमानुसार जांच करवाई जाएगी । – डॉ. आशुतोष, परीक्षा नियंत्रक, मत्स्य विश्वविद्यालय