अलवर. भगवान जगन्नाथ और जानकी मैया की रथयात्रा मंगलवार की शाम को रूपबास के रूपहरि मंदिर से सुभाष चौक के लिए रवाना हुई। घंटे घडिय़ाल व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान को रथ में विराजमान किया गया। पुलिस की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी गई। रूपबास के ग्रामीणों ने नम आंखों से बेटी जानकी को विदाई दी। इस दौरान महिलाओं ने विदाई के गीत भी गाए। पूरा दिन मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ मौजूद रही। शाम को रथयात्रा बैंडबाजे व लवाजमे के साथ रवाना हुई। प्याऊ, घोड़े, ऊंट, झांकियां व अखाड़े आदि रथयात्रा के साथ चल रहे थे। रथयात्रा की वापसी के दौरान मार्ग में आने वाले करीब 40 मंदिरों में माता जानकी और भगवान जगन्नाथ की आरती की गई। भगवान जगन्नाथ और माता जानकी के दर्शनों को उमड़े लोग। भगवान जगन्नाथ और माता जानकी को इंद्रविमान में विराजमान करते हुए। रूपबास मंदिर से रथयात्रा रवाना से पहले मंदिर से बाहर आए भगवान जगन्नाथ। रथयात्रा में शामिल झांकी।