प्रेम व भक्ति जहर को भी अमृत बना देती है…….. संत गंगादास वेदांती
अलवर. पुरुषोत्तम दास महाराज की पुण्य स्मृति में अग्रवाल धर्मशाला में चल रही श्रीभक्तमाल कथा के छठे दिवस मीराबाई, नरसी भगत ,चैतन्य महाप्रभु का जीवन वृतांत सुनकर भक्त भाव विभोर हो गए । कथा वाचक गंगादास वेदांती ने मंगलाचरण से कथा का आरम्भ करके जब व्यासपीठ से हरे राम हरे कृष्ण नाम का संकीर्तन किया […]
अलवर. पुरुषोत्तम दास महाराज की पुण्य स्मृति में अग्रवाल धर्मशाला में चल रही श्रीभक्तमाल कथा के छठे दिवस मीराबाई, नरसी भगत ,चैतन्य महाप्रभु का जीवन वृतांत सुनकर भक्त भाव विभोर हो गए । कथा वाचक गंगादास वेदांती ने मंगलाचरण से कथा का आरम्भ करके जब व्यासपीठ से हरे राम हरे कृष्ण नाम का संकीर्तन किया तो पंडाल में उपस्थित सभी श्रद्धालु भक्तिमय होकर झूम उठे।
यजमान परिवार के पदम जोशी, होतीलाल शर्मा,विनोद गुप्ता, लक्ष्मेश सिंह,रवींद्र गर्ग ने परिवार सहित भक्ति भाव से आरती एवं व्यास पूजा की । व्यास पीठ से भक्ति मति मीराबाई के चरित्र का गुणगान करते हुए कथावाचक वेदांती ने कहा कि भक्ति के अंकुरण का ही परिणाम हुआ कि मीराबाई ने ईश्वर को प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि मीरा बाई ने तुलसीदास जी को पत्र लिखा और ईश्वर के प्रति अपने भावों से भी अवगत कराया।
अयोध्याधाम आश्रम के श्रद्धालु सुभाष गुप्ता ने बताया कि कथा व्यास पूज्य संत गंगादास वेदांती ने कथा में चरित्र निर्माण पर भी जोर दिया। अगर चलते मार्ग में कोई जरूरतमंद दिन दुखी रोगी मिल जाए सामर्थ्य अनुसार उनकी सेवा में समर्पित हो जाने से निश्चित रूप से हमारा हृदय में ईश्वर का स्थाई वास हो जाता है।
कथा में कथा श्रवण करने पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहुजा, पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा पंडित धर्मवीर शर्मा, सी ए श्रीकृष्ण गुप्ता, बलराम यादव , दीपक गर्ग, ओपी शर्मा (जिला महामंत्री) सहित अन्य श्रद्धालु पांडाल में कथा श्रवण के लिए मौजूद रहे।
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