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अलवर

22 ग्राम पंचायतों के 165 से अधिक गांवों के लिए मात्र चार रोडवेज बसें, यातायात की नहीं सुविधा

ग्रामीणों को करना पड़ रहा परेशानी का सामना

अलवरJul 23, 2025 / 12:03 am

Ramkaran Katariya

राजगढ़. टहला तहसील क्षेत्र की 22 ग्राम पंचायतों के 165 गांवों में आने-जाने के लिए केवल चार रोडवेज बसें ही संचालित हैं। ऐसे में लोगों यातायात की पर्याप्त सुविधा नहीं मिलने से रोष हैं।टहला क्षेत्र में यातायात के पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई दर्जन गांवों के ग्रामीणों को चार से पांच किलोमीटर तक पैदल चलकर वाहन पकडऩे पड़ रहे हैं। राजगढ़ क्षेत्र के कलेशान, भूलेरी, जामड़ोली आदि गांवों में यातायात की सुविधा नहीं होने के कारण ग्रामीणों को टेम्पो, ई-रिक्शा या स्वयं के वाहन से यात्रा करने को मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों को कई घंटों के इंतजार के बाद जान जोखिम में डालकर ओवरलोड वाहनों में यात्रा करनी पड़ रही हैं।

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पत्थर भरे ट्रकों में सफर को मजबूरसरपंच रामकिशन मीना का कहना है कि फिरोजपुर, पलवा, होदायली, बहाली आदि गांवों के लिए बसों की व्यवस्था नहीं होने के कारण ग्रामीणों को करीब छह किमी पैदल चलकर या टेम्पो में बैठकर हाईवे से वाहन पकडक़र गंतव्य पर जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। कुण्डला, वीरपुर, रामसिंहपुरा, देवती गांवों के ग्रामीणों को यातायात की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण करीब पांच-सात किलोमीटर पैदल चलकर घाट से ई-रिक्शा व पत्थरों से भरे ट्रकों में बैठकर यात्रा करनी पड रही है। उक्त क्षेेत्र में बसों की कोई व्यवस्था नहीं होने के टेम्पो, ई -रिक्शा में लोगों को गांव जाना पड़ रहा है। नया गांव सरपंच यादराम मीना ने बताया कि नया गांव बोलका ग्राम पंचायत में यातायात की सुविधा नहीं है। ग्रामीणों को निजी वाहनों से आना- जाना पडा रहा है। पूर्व सरपंच मानसिंह मीना का कहना है कि ग्राम पंचायत कुण्डला के खेड़ली, देवती, नरवास, रामसिंहपुरा आदि गांवों के ग्रामीणों को यातायात की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण पांच से सात किलोमीटर पैदल चलकर या टेम्पो, ई-रिक्शा में बैठकर जाना पड़ रहा है।
चार बसों पर भारराजगढ़ पंचायत समिति के प्रधान रहे महंत जयराम दास स्वामी का कहना है कि टहला तहसील क्षेत्र की करीब 22 ग्राम पंचायों में सडक तो है, लेकिन राजगढ़ – गोला का बास सडक के मध्य आने-जाने के लिए चार रोडवेज बसें ही संचालित हैं। जिनमें में दो रोडवेज बसें अलवर से राजगढ़, टहला, गोला का बास होते हुए दौसा, एक बस अलवर से राजगढ़, टहला होते हुए प्रतापगढ़ व एक बस अलवर से टहला होते हुए खोह दरीबा के लिए जाती हैं। इसके अलावा अलवर डिपो की एक रोडवेज बस महुवा मण्डावर से धमरेड़ गांव जाती है। दूसरे दिन सुबह धमरेड़ से अलवर के लिए यही बस जाती है। रोडवेज बसों की संख्या कम होने के कारण लोगों को पत्थरों से भरे ट्रकों व अन्य वाहनों में बैठकर जान जोखिम में डालकर यात्रा करनी पड रही है। दूसरी ओर बालाजी से अलवर की ओर जाने वाली रोडवेज की दौसा, बारां व तिजारा की अनेक बसें राजगढ़ बस स्टैण्ड नहीं आकर सीधे बायपास होकर गुजर रही हैं, जिसके कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
संसाधन है और न स्टाफटहला क्षेत्र में 165 गांवों में चार बसें चल रही हैं। उनकी इनकम नहीं आ रही है। वो गांवों की पब्लिक कहां गई, जो गाडी मेरी प्रतापगढ व खोहदरीबा से चलकर आ रही है, उनकी भी इनकम नहीं आ रही है। प्रतापगढ वाली बन्द होने वाली है। हैड ऑफिस के आंकडों के अनुसार आय के कारण गाडियां बन्द हैं। वर्तमान में न तो संसाधन है और न स्टाफ।
सपना मीना , मुख्य प्रबंधक, अलवर आगार।

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