रिपोर्टर गेट नंबर एक से कंपनी बाग के अंदर गया, तो पार्क में एक बेंच पर दो महिलाएं नजर आईं। दोनों ने चेहरे पर कपड़ा बांधा हुआ था। इसी दौरान इन दो महिलाओं में से एक महिला ने अपना मोबाइल निकाल किसी को कॉल किया और कहा कि रुपए लेकर आ-जा, मैं कंपनी बाग में बैठी हूं।
इसके बाद रिपोर्टर से इस महिला ने कहा- तू इतना क्यों झिझक रहा है? रिपोर्टर ने पूछा- कितने रुपए लोगी, तो उसने बताया कि मैं 700 रुपए लेती हूं। रिपोर्टर ने कल आने की बात कहकर उससे पीछा छुड़ाया और दूर बैठकर इन महिलाओं की गतिविधियों को कैमरे में रिकॉर्ड करता रहा। इस दौरान लोग आते और इन महिलाओं से बातचीत करते। सौदा तय होता और महिला को लेकर चले जाते। यह सब खुलेआम चल रहा था। कोई रोक-टोक नहीं।
विरोध भी हुआ था, लेकिन रुका नहीं यह खेल
कंपनी बाग में चल रहे इस खेल में कई पुरुष भी शामिल हैं। जो इन महिलाओं की ग्राहकों से बात करवाते हैं। कंपनी बाग में दिनभर इनके ग्राहकों का आना-जाना लगा रहता है। कंपनी बाग के अंदर बने मंदिर में आने वाली कुछ महिलाओं और युवाओं ने कई बार इसका विरोध भी किया। कई बार कुछ महिलाओं को यहां से भगाया भी, लेकिन जिस्मफरोशी का धंधा यहां अपनी जड़ें गहरी कर चुका है। इस पूरे खेल की पुलिस को जानकारी है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती। लम्बे समय से चल रहा देह व्यापार का खेल
कंपनी बाग में देह व्यापार का यह खेल लम्बे समय से चल रहा है। कंपनी बाग में ऐसे कई ठिकाने हैं, जहां इससे जुड़ी महिलाएं ग्राहकों की ताक में बैठी रहती हैं। ग्राहक से सौदा तय होने के बाद उनके साथ चली जाती हैं।
इस मामले में डिकॉय ऑपरेशन कराकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इसे गंभीरता से लेते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। -तेजपाल सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय)।