साथ ही सरसों के पशु आहार में भी 100-150 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है। अब पशु आहार(खल) के दाम 2230 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गए हैं। वहीं, मंडी में आने वाली अरहर गायब हो लगी है। अब पूरे सालभर में केवल 1000 कट्टे पहुंच रहे हैं, लेकिन 2012 से पहले यहां सीजन में प्रतिदिन 4 से 5 हजार कट्टे पहुंचते थे। मंडी अध्यक्ष सत्य विजय गुप्ता ने बताया कि किसानों ने अरहर पैदा करना कम कर दिया। क्योंकि बदलते वातावरण के कारण इसकी पैदावार प्रभावित हुई है। साथ ही इसमें लगने वाले कीटों की वजह से यह कम होने लगी है।
अब तक मंडी में 5 लाख सरसों के कट्टे पहुंचे
अनाज मंडी में अलवर सहित अन्य जिलों की सरसों आ रही है। इस सीजन में अभी एक महीने और सरसों की आवक होगी। अब तक यहां 5 लाख से ज्यादा सरसों के कट्टे पहुंचे हैं। इसमें नई और पुरानी सरसों शामिल है। व्यापारियों का कहना है कि अभी राठ इलाके ( बहरोड़, मुंडावर, बानूसर) की सरसों की आवक शुरू हुई है तथा कुछ किसान इस वक्त गेहूं की कटाई में जुटे हुए हैं, इस वजह से सरसों की आवक में कमी आई है।
गेहूं की कटाई के बाद सरसों और गेहूं की आवक में बढ़ोतरी होगी। वहीं, बताया जाता है कि अलवर और भरतपुर में सबसे ज्यादा सरसों की पैदावार होती है। इसके तेल से राजस्थान के जिलों की पूर्ति हो सकती है न कि अन्य राज्यों की, लेकिन यहां का तेल कई राज्यों में सप्लाई किया जा रहा है।