मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे मनीष ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए लंबा संघर्ष किया। गांव में प्राइमरी शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने बिट्स पिलानी से पढ़ाई की। इंजीनियरिंग प्री टेस्ट में टॉप किया। फिर जोधपुर के एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक किया और कुछ समय विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी की। इसके बाद उन्होंने खुद का व्यवसाय शुरू करने की दिशा में काम शुरू किया। उन्होंने भारतीय रेलवे, एनएचएआई और अन्य प्रतिष्ठानों के साथ कार्य किया। आज मनीष हेलीकॉप्टर और प्राइवेट जेट उपलब्ध करवा रहे हैं। मनीष के पिता रामचरण मीणा अध्यापक हैं। उनकी बहन भीलवाड़ा में स्टेटिकल ऑफिसर और भाई स्टेनोग्राफर है।
यूं शुरू किया काम: मनीष ने बताया कि इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद कई सरकारी नौकरियां की। वर्ष 2013 में राजपा बनी थी, उस समय वरिष्ठ भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा की टीम को हैलीपैड निर्माण के लिए लोगों की जरूरत थी। मैंने वो काम संभाला। इस फील्ड में स्कॉप दिखा तो यही काम शुरू कर दिया। आज हमारी कंपनी हेलीकॉप्टर और प्राइवेट जेट उपलब्ध करवा रहे हैं।
फाबुली देवी गांव की बुजुर्ग का कहना था कि हैलीकॉप्टर को हमेशा ऊपर आते जाते देखा था, लेकिन कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इसमें बैठकर उड़ पाएंगे। मनीष ने यह सपना पूरा कर दिया। हवाई सैर में बहुत मजा आया। यह मौका इस जीवन में मिलेगा, मैंने सोचा नहीं था। गांव के बेटे ने यह ख्वाहिश पूरी कर दी।
काका किशोरी (गांव के बुजुर्ग)