200 रुपए बढ़ा दी मजदूरी पहले खेती मजदूर तीन सौ रुपए में मिल जाते थे। अब कटाई कार्य जोरों पर होने से इनको प्रतिदिन पांच सौ रुपए देने के अतिरिक्त खाना व चाय का खर्च भी देना पड़ रहा हैं। ऐसे में किसान को बीज, बुवाई, कीटनाशक, खाद, निराई-गुड़ाई, सिंचाई, रखवाली, कटाई व निकलवाई का खर्च जितना फसल उत्पादन हो रहा है, उसके बराबर ही पहुंच रहा है। क्षेत्र में पानी की कमी के चलते प्रति बीघा 28-30 मण या 11-13 क्विंटल गेहूं ही उत्पादन होता है। जिसकी वर्तमान भाव के हिसाब से 28-30 हजार रुपए कीमत हैं। इसके विपरीत खर्च भी 22 से 25 हजार तक पड़ रहा है।गेहूं, जौ की 35-40 फीसदी कटाई हो पाई हैअभी क्षेत्र में करीब पैंतीस-चालीस फीसदी गेहूं, जौ की कटाई हो पाई है। अप्रेल तक लगभग सौ फीसदी कटाई हो जाएगी। मौसम के उतार-चढ़ाव ने किसानों की चिंता बढ़ा रखी है। हाल ही के दिनों में बादल छाने व बारिश की आशंका ने किसानों की चिंतित कर रखा है।
मोहनलाल मीना, सहायक कृषि अधिकारी।