नीमराणा फायरिंग केस में खाकी पर दाग: 3 बदमाश गिरफ्तार, 2 पुलिसकर्मी सहित अन्य फरार
नीमराणा थाना क्षेत्र में स्थित औद्योगिक क्षेत्र में 4 जुलाई की रात सैम पीजी संचालक नरदेव यादव पर हुई फायरिंग के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है।
नीमराणा थाना क्षेत्र में स्थित औद्योगिक क्षेत्र में 4 जुलाई की रात सैम पीजी संचालक नरदेव यादव पर हुई फायरिंग के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में कालियाहोड़ा निवासी राजवीर उर्फ राजू पुत्र ओमप्रकाश, पंकज पुत्र जसवंत और संजय पुत्र विजयपाल शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयुक्त दो कारें भी जब्त की हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि इस फायरिंग की घटना में दो पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सामने आई है। जिनमें डीएसटी प्रभारी हेड कांस्टेबल राकेश कुमार और सोशल मीडिया सेल में तैनात कांस्टेबल उम्मेद सिंह शामिल हैं। इसके अलावा बहरोड़ सदर थाना क्षेत्र के बर्डोद निवासी योगेश सैनी उर्फ राहुल पुत्र जगदीश सैनी और भूपखेड़ा निवासी विजेंद्र पुत्र राजपाल भी फरार चल रहे हैं। पुलिस के अनुसार, इन चारों की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगातार दबिश दे रही हैं और जल्द ही उन्हें भी पकड़ लिया जाएगा।
एसपी राजन दुष्यंत ने लिया एक्सशन
डीएसटी प्रभारी हेड कॉन्स्टेबल राकेश कुमार और सोशल मीडिया सेल के कांस्टेबल उम्मेद सिंह को बहरोड़ एसपी राजन दुष्यंत ने शिकायत के आधार पर निलंबित कर दिया है। दोनों का निलंबन मुख्यालय रिवर्ज पुलिस लाइन कोटपूतली में रहेगा। इन पुलिस कर्मियों का नाम हाल ही में नीमराणा में हुई फायरिंग मामले में भी आया था, जिसमें उन पर सर्विस रिवॉल्वर से फायरिंग करने का आरोप लगा था। इसके अलावा, उन पर स्थानीय पुलिस अधिकारियों द्वारा बचाए जाने का भी आरोप है।
पुरानी रंजिश का बताया जा रहा है कारण
प्रारंभिक जांच में यह मामला आपसी रंजिश से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। हालांकि पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है ताकि घटना के पीछे की पूरी साजिश और उद्देश्य सामने आ सके।
पुलिस पर उठ रहे सवाल
घटना में पुलिसकर्मियों की भागीदारी उजागर होने के बाद नीमराणा थाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं। आमजन और स्थानीय व्यापारियों में रोष है कि यदि रक्षक ही भक्षक बन जाएं, तो सुरक्षा की उम्मीद किससे की जाए।
आगे की कार्रवाई जारी
थाना अधिकारी के अनुसार, तीनों गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और जल्द ही अन्य फरार आरोपियों को भी गिरफ्तार कर पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया जाएगा। वहीं पीड़ित नरदेव यादव की सुरक्षा के भी विशेष प्रबंध किए गए हैं।
यह मामला अब सिर्फ आपराधिक नहीं, बल्कि पुलिस तंत्र की साख से जुड़ा विषय बन गया है। अब देखना होगा कि पुलिस विभाग इन फरार पुलिसकर्मियों के विरुद्ध क्या कठोर कदम उठाता है।
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