अंतरराष्ट्रीय बाघ संग्रहालय दुनिया में कहीं भी मौजूद नहीं है। हालांकि बाघों से संबंधित प्रदर्शनियां और जानकारी विभिन्न संग्रहालयों में जरूर हैं। प्राणी संग्रहालय या प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय कुछ शहरों में बने हुए हैं। यहां बनने वाला अंतरराष्ट्रीय बाघ संग्रहालय होगा, जिसे देखने देश-विदेश से पर्यटक आएंगे। बाघ संग्रहालयों में बाघों के बारे में जानकारी, कलाकृतियां और संरक्षण के प्रयास प्रदर्शित किए जाने की योजना है। इनमें बाघों के शरीर की रचना, व्यवहार, आवास और उनके संरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला जाएगा। संग्रहालय में बाघों की खाल, कंकाल और अन्य अवशेष भी प्रदर्शित किए जा सकते हैं।
बढ़ेगा पर्यटन, मजबूत होगी अर्थव्यवस्था
सरिस्का टाइगर रिजर्व, चिड़ियाघर व संग्रहालय एक साथ होने से पर्यटन बढ़ेगा। पर्यटकों की संया में इजाफा होगा तो पूंजी अलवर आएगी। जो बाजार पर खर्च होगी। इससे अलवर की अर्थव्यवस्था दौड़ने लगेगी। बाघ संग्रहालय का प्रोजेक्ट दो से तीन साल में जमीन पर आ जाएगा तो पर्यटन को पंख लग जाएंगे और अलवर की देश में अलग पहचान बनेगी।