माफिया बेलगाम, कानून व्यवस्था को चुनौती झारखंड बॉर्डर से लगे कन्हर नदी में गढ़वा जिले के धुरकी समेत कई गांवों के तस्कर लंबे समय से अवैध रेत खनन कर रहे हैं। इस काले कारोबार को नेताओं, अफसरों और कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों की शह प्राप्त है। रेत माफिया न सिर्फ छत्तीसगढ़ में बेलगाम हैं, बल्कि अब वे राज्य की कानून व्यवस्था को भी सीधी चुनौती भी दे रहे हैं।
नदियों में नहीं, खून में बह रही है रेत अविभाजित सरगुजा जिले की कन्हर और रेण नदियों से रोजाना 1000 से 1500 ट्रैक्टर और हाइवा रेत निकाली जाती है। ये रेत न सिर्फ झारखंड, बल्कि उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश तक भेजी जाती है। अविभाजित सरगुजा में रेत का ये धंधा अब सिर्फ तस्करी नहीं, अपराध का “इंडस्ट्रियल मॉडल” बन गया है।
झारखंड में ये आरोपी गिरफ्तार आरीफूल हक, खाला टोला, सेराजनगर, थाना धुरकी, जिला गढ़वा (झारखंड) जमील अंसारी, खाला टोला, सेराजनगर, थाना धुरकी, जिला गढ़वा (झारखंड) शकील अंसारी, खाला टोला, सेराजनगर, थाना धुरकी, जिला गढ़वा (झारखंड)
अकबर अंसारी, अरसली, थाना भवनाथपुर, जिला गढ़वा (झारखंड) झारखंड में गिरफ्तार आरोपियों के पास से 2 ट्रैक्टर भी जब्त किए गए हैं।