वोटर आईडी को लेकर चुनाव आयोग का नियम
चुनाव आयोग के नियम के अनुसार मतदान के दिन वोट डालने से पहले हर मतदाता का वेरिफिकेशन करना होता है। चुनाव आयोग की ओर से नियुक्त निर्वाचन अधिकारी वोटर आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेज जांच सकता है। यानी वोटर आईडी और अन्य पहचान पत्र की जांच केवल निर्वाचन अधिकारी या बूथ पर मौजूद पीठासीन अधिकारी कर सकता है। अगर निर्वाचन अधिकारी को कुछ संदिग्ध लगता है तो पुलिस या ड्यूटी पर मौजूद सुरक्षाकर्मी आईडी की जांच कर सकता है।
पुलिसकर्मी को नहीं है चेक करने का अधिकार
निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार पुलिसकर्मी या सुरक्षाकर्मियों का काम मतदान को शांतिपूर्वक करना और व्यवस्था बनाए रखना है। वे वोटर आईडी चेक नहीं कर सकते हैं। आईडी चेक करने के संपूर्ण अधिकार पोलिंग पार्टी के पास होते हैं।
बूथ के पोलिंग एजेंट की क्या भूमिका?
मतदान बूथ पर मौजूद पोलिंग एजेंट के पास हर मतदाता की सूची होती है। वे केवल आईडी से सूची का मिलान कर सकते हैं लेकिन आईडी चेक करने का अधिकारी उनके पास भी नहीं होता है। हां, संदेह होने पर वे निर्वाचन अधिकारी के सामने आपत्ति जता सकते हैं। उनकी शिकायत पर पोलिंग पार्टी ही मतदाता की आईडी चेक कर सकती है।