Phalodi Satta Bazar Update News: मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक सर गर्मी तेज हो गई हैं। फलोदी सट्टा बाजार ने इस बार चौंकाने वाली भविष्यवाणी की है।
Phalodi Satta Market Latest News: अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट पर वैसे तो 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। लेकिन यहां पर राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सपा और बीजेपी में सीधी टक्कर होगी। लेकिन आजाद समाज पार्टी के मैदान में आने के बाद अब त्रिकोणीय मुकाबले का अनुमान लगाया जा रहा है। लेकिन अधिकांश लोगों का मानना है कि टक्कर सिर्फ सपा और भाजपा के बीच में होगी। इस चुनाव को लेकर फलोदी सट्टा बाजार के अलग कयास है। यह चुनाव अप्रत्याशित मोड़ ले सकता है।
फलोदी सट्टा बाजार (Phalodi Satta Bazar) में मिल्कीपुर उपचुनाव 2025 (Milkipur by elections 2025) अपने पैर पसार चुका है। समाजवादी पार्टी (SP) और बीजेपी (BJP) दोनों ही दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। इस बीच आजाद समाज पार्टी की भी एंट्री हो चुकी है। इस पार्टी ने सूरज चौधरी को मैदान में उतार दिया है। इसी को लेकर अब मुकाबला सपा और बीजेपी के लिए 50-50 का नहीं माना जा रहा है। इसे लेकर फलोदी सट्टा बाजार (Phalodi Satta Bazar) का रुख ये कहता है कि शायद इस एंट्री से बीजेपी और सपा दोनों का खेल बिगड़ सकता है। लेकिन यह महज एक अनुमान है। इसको दावा के साथ नहीं कहा जा सकता है।
Phalodi Satta Market: आजाद समाज पार्टी किसका बिगड़ेगी खेल
राजनीति के पंडितों का मानना है कि आजाद समाज पार्टी के सूरज चौधरी सपा सांसद अवधेश प्रसाद के काफी करीबी रह चुके हैं। अभी हाल में हुआ अपने समर्थकों के साथ आजाद समाज पार्टी में शामिल हो गए। अब जानकारो का यह कहना है कि ऐसे में समाजवादी पार्टी को कुछ नुकसान हो सकता है। फलोदी सट्टा मार्केट के मुताबिक, मिल्कीपुर उपचुनाव (Milkipur by polls 2025) में कांग्रेस (Congress) और बसपा (BSP) के चुनाव न लड़ने से सपा और बीजेपी के प्रत्याशियों से निराश मतदाता आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी का समर्थन कर सकते हैं। हालांकि की सपा के साथ बीजेपी ने भी दलित वोट बैंक साधने की कोशिश की है। दोनों दलों ने एक ही समाज के प्रत्याशी को मैदान में उतारा है।
विधानसभा में मतदाताओं की संख्या
इस विधानसभा में तीन लाख 70 हजार 829 मतदाता है। जिनमें पुरुष एक लाख 92 हजार 984 व महिला मतदाता एक लाख 77 हजार 838 हैं। युवा मतदाता 4811,दिव्यांगजन 4011 व 85 वर्ष से अधिक उम्र वाले 3001 मतदाता हैं। यहां पर 5 फरवरी को मतदान और 8 फरवरी को परिणाम आएंगे। प्रचार करने के लिए अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं।
लोगों का कहना है कि यहां पर दलित और ब्राह्मण वोट लगभग बराबरी के ऐसे में दलित वोट निर्णायक भूमिका में हो सकता है। इसके पीछे वजह यह है कि यहां से बसपा इस बार चुनाव नहीं लड़ रही है। पहले दलित वोट बैंक बसपा का माना जाता था। लेकिन इस विधानसभा सीट पर पिछले दो-तीन चुनाव पर गौर करें तो यहां पर टक्कर सपा और बीजेपी के बीच में ही हुई है। यह दलित वोट बैंक सपा और भाजपा को छोड़कर कहीं अलग शिफ्ट हो रहा है। तो जीत अप्रत्याशित हो सकती है। ऐसा सट्टा बाजार का मानना है।
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