scriptAzamgarh News: गुजरात से दो साइबर ठग गिरफ्तार, रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर से की थी 35 लाख की ठगी | Azamgarh News: Big success of Azamgarh Police, two cyber thugs arrested from Gujarat, had defrauded a retired police inspector of Rs 35 lakh. | Patrika News
आजमगढ़

Azamgarh News: गुजरात से दो साइबर ठग गिरफ्तार, रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर से की थी 35 लाख की ठगी

आजमगढ़ साइबर थाना पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने गुजरात के भावनगर से दो शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने फर्जी CBI और एंटी करप्शन अधिकारी बनकर एक रिटायर्ड पुलिस निरीक्षक से 35 लाख रुपये की ठगी की थी।

आजमगढ़Jun 25, 2025 / 10:35 pm

Abhishek Singh

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Azamgarh crime news: साइबर क्राइम के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत आजमगढ़ साइबर थाना पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने गुजरात के भावनगर से दो शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने फर्जी CBI और एंटी करप्शन अधिकारी बनकर एक रिटायर्ड पुलिस निरीक्षक से 35 लाख रुपये की ठगी की थी।
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान सरवैया कौशिक और भगीरथ सिंह जाला के रूप में हुई है। यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना के निर्देशन, अपर पुलिस अधीक्षक (यातायात/साइबर क्राइम नोडल अधिकारी) के पर्यवेक्षण और साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक विभा पाण्डेय के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा की गई।
पुलिस के अनुसार, पीड़ित रिटायर्ड पुलिस निरीक्षक ने 23 फरवरी 2025 को साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें एक अज्ञात कॉल आया, जिसमें खुद को CBI अधिकारी बताकर डराया गया और “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर कुल 35 लाख रुपये उनके विभिन्न खातों में जमा करवा लिए गए।
तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर की गई जांच में पुलिस को अभियुक्तों की लोकेशन और गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिले। पूछताछ में अभियुक्तों ने कबूल किया कि वे एक साइबर गैंग के साथ मिलकर फर्जी बैंक खातों में पैसे मंगवाते थे और अंगड़िया केंद्रों के माध्यम से उन्हें कमीशन पर आगे भेजते थे।
अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा संख्या 08/2025 के तहत BNS की धारा 318(4), 319(2), 204, 351(4), 337, 338 और IT एक्ट की धारा 66C, 66D के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।

एसएसपी ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात कॉल, संदिग्ध लिंक या व्यक्तिगत जानकारी मांगने वाले व्यक्ति से सावधान रहें। “डिजिटल अरेस्ट” जैसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती, यह पूरी तरह से साइबर अपराधियों की एक साजिश है। किसी भी साइबर फ्रॉड की स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
गिरफ्तारी की कार्रवाई में निरीक्षक विभा पाण्डेय के साथ उपनिरीक्षक योगेंद्र प्रसाद यादव, मुख्य आरक्षी ओमप्रकाश जायसवाल, आरक्षी सभाजीत मौर्य, मोहम्मद एजाज खान और विकास कुमार की अहम भूमिका रही।

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