कमेटी ने कहा कि शिक्षक, सरकारी सेवक और महिला होने के नाते, अपनी मर्यादा और कर्तव्यों का पालन करने को बाध्य हैं। जाति, धर्म, और राष्ट्रीय मुद्दों पर टिप्पणी कार्मिक नियमों के खिलाफ है। जनपद और मंडल का प्रभार प्रांतीय कार्यकारिणी की सदस्य रुचिता सिंह और अर्चना चौधरी को सौंपा गया है। उन्हें कार्यकारिणी के पुनर्गठन के लिए संयोजक समिति बनाने का निर्देश दिया गया। प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्या ने निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा। प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्या ने बताया कि उनका व्यक्तिगत मामला है। इसके बाद भी वह दोनों संगठन को बीच में ला रही है, जो गलत है। संगठन अनुशासन से चलता है। शिक्षक वर्ग प्रबुद्धजन में होता है, इसके बाद भी इतनी ओछी हरकत करना बेहद गलत है। इसलिए उन्हें पद से हटा दिया गया है।