कन्या पक्ष ने आरोप लगाया कि शादी तय करते समय उन्हें दूसरा लड़का दिखाया गया, लेकिन मंडप में पहुंचा दूल्हा दिव्यांग निकला। बरात के स्वागत और द्वार पूजा के बाद जब शादी की रस्म शुरू हुई, तो पुरोहित के फूल-अक्षत लेने के निर्देश पर दूल्हे का हाथ नहीं उठा। इससे कन्या पक्ष को शक हुआ और जांच में दूल्हा दिव्यांग पाया गया। इसके बाद कन्या पक्ष ने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए शादी रोक दी और 3 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति मांगी। रात भर चली पंचायत बेनतीजा रही। सोमवार सुबह अहरौला पुलिस को सूचना मिली। मौके पर पहुंचे उपनिरीक्षक श्रीप्रकाश मिश्रा और सिपाही राजेश बागी ने दोनों पक्षों से बातचीत की।
लंबी चर्चा के बाद मामला 2.17 लाख रुपये में सुलझ गया। वर पक्ष ने यह राशि कन्या पक्ष को दी और दिए गए जेवर वापस ले लिए। लिखित समझौते के बाद वर पक्ष को सकुशल घर भेजा गया।उपनिरीक्षक श्रीप्रकाश मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने शांति बनाए रखते हुए दोनों पक्षों की सहमति से विवाद का समाधान किया।