महंगाई की मार झेल रहे पालक
पहले से स्कूली फीस की मार झेल रहे पेरेंट्स इस साल कापियों की बढ़ी हुई कीमतों से परेशान हैं। ऐसे में कापियों के दामों में बढ़ोत्तरी का असर लोगों की जेब पर दिखने लगा है। 1 जुलाई से नया शैक्षिक सत्र शुरू हो गया है। अब कॉपी किताबों ड्रेस, जूता आदि के कीमत में 35 से 50 प्रतिशत तक की वृद्धि हो गई है। अभिभावकों की दिक्कत बढ़ती दिख रही है। इसके अलावा स्कूली बैग की कीमत में सौ से डेढ सौ रुपए का इजाफा हुआ है। जीएसटी सहित फुट वियर की कीमतों में 150 रुपए तक का इजाफा देखा जा रहा है।महंगाई से शिक्षा भी अछूती नहीं
नए शिक्षण सत्र की शुरुवात होते ही महंगाई की मार से शिक्षा भी अछूती नहीं रही है। पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष शिक्षण सामग्री, ड्रेस और स्कूलों की एक्टिविटी सामग्रियों भी बढ़ोत्तरी हुई है। एक तरफ सरकार मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम बनाकर पालकों के आर्थिक बोझ को कम करना चाह रही है। वहीं शासकीय स्कूलों में निजी स्कूल जैसी सुविधाएं नहीं होने से अभिभावक और बच्चें निजी स्कूलों में मोटी फीस देकर एडमिशन लेने में अधिक रूचि दिखा रहे हैं।कमीशन बढ़ाकर कमा रहे राशि
पिछली बार प्रशासन की ओर से निजी स्कूलों की फीस वसूली पर कार्रवाई की गई थी। इसलिए इस वर्ष फीस तो नहीं बढ़ी। लेकिन स्कूल वालों ने शिक्षण सामग्रियों में कमीशन बढ़ाकर अपना पिछला घाटा पूरा कर लिया है। पिछली बार की अपेक्षा इस वर्ष अधिक शिक्षण समाग्री अभिभावकों से खरीद वाकर स्कूल संचालक अभिभावकों को लूटने में जरा भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।स्कूल संचालकों की मनमानी
अभिभावक अपने लाडले की अच्छे और महंगे स्कूल में पढऩे की जिद में आकर स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं। जिद के सामने निजी स्कूल में बच्चों का दाखिला करवा रहे हैं। स्कूल संचालक मनमानी कर कई तरह के नियम बताकर अधिक रुपए वसूल रहे हैं। अभिभावकों के मुताबिक शहर के ऐसे स्कूल जहां टाई और बैंच स्वयं के पास से मुहैया कराई जाती है। बदले में संचालक दोगुने दाम वसूलते हैं। स्कूल में लगने वाली टाई और बेच का बाजारी मूल्य 15 से 30 रुपए हैं। संचालक टाई और बैच के दोगुने दाम लेकर ठगी कर रहे हैं। मार्केट की कई दुकानों में स्कूल का नाम लिखा बैच और टाई नहीं मिलने से पालकों को मजबूरन स्कूल से ही खरीदारी करनी पड़ रही है। वहीं जिन दुकानों में स्कूलों का नाम लिखी टाई, बेंच और बेल्ट मिल रहे है। उसका एक निश्चित कमीशन का पैसा सीधे स्कूल पहुंच रहा है।सुविधाओं के नाम पर लूट
प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के नाम पर मनमाना डोनेशन लिया जा रहा है। स्कूलों में बच्चों के लिए साधन और सुविधाएं भले ही पर्याप्त न हो, लेकिन एडमिशन और शिक्षण फीस और अन्य एक्टिविटी के नाम पर जमकर लूट की जा रही है। उधर स्कूल वैन, बस, रिक्शा, ऑटो आदि का किराया भी पिछले साल के मुकाबले बढ़ चुका है। इसके अलावा शहर के कुछ प्रतिष्ठित निजी स्कूलों में कम्प्यूटर, खेल और अन्य कोर्सो के नाम पर हजार रुपए तक अधिक लिए जा रहे हैं।वर्सन
कॉपी, किताबें व यूनिफार्म आदि खरीदी करने अभिभावक स्वतंत्र है। व्यक्ति विशेष से खरीदी करने यदि स्कूल प्रबंधन बाध्य करता है तो हमें शिकायत करें। अवश्य कार्रवाई की जाएगी।
अश्विनी उपाध्याय, डीईओ
कक्षा पिछले वर्ष इस वर्ष
केजी 1 290 420
केजी 2 290 430
पहली 345 465
दूसरी 330 480
तीसरी 360 500
चौथी 400 550
पांचवीं 450 590 ये है यूनिफार्म के दाम
कक्षा पिछले वर्ष इस वर्ष
केजी 1 300-350 380-400
केजी 2 300-350 380-400
पहली 350-380 395-430
दूसरी 350-380 430-450
तीसरी 400-450 530-570
चौथी 400-450 530-580
पांचवीं 500-530 600-650
नोट- शहर की एक प्रतिष्ठित दुकान से ली गई जानकारी।