इस प्रकरण में मोहनलालगंज कोतवाली में कंपनी के निदेशकों के खिलाफ 19 पीड़ितों ने धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच के दौरान पुलिस ने कंपनी के 19 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया, जिनमें लगभग 15 लाख रुपये जमा पाए गए।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी मदनराम ने पूछताछ में बताया कि कंपनी के निदेशक प्रमोद और विनोद उपाध्याय उसके गांव के निवासी हैं। दोनों ने उसे ज्यादा पैसे कमाने का लालच देकर कंपनी में शामिल किया।
इससे पहले पुलिस ने करीब 25 दिन पूर्व प्रमोद उपाध्याय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब पुलिस फरार निदेशक विनोद उपाध्याय की तलाश कर रही है। एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि मामले की जांच के दौरान पुलिस ने धोखाधड़ी से अर्जित संपत्ति के रूप में कंपनी की इनोवा, टाटा सफारी, स्विफ्ट डिजायर और बोलेरो गाड़ियों को जब्त कर लिया है।
पुलिस का कहना है कि यह मामला संगठित तरीके से की गई आर्थिक धोखाधड़ी का है, और अन्य पीड़ितों की भी पहचान कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।