scriptकुत्तों के काटने के मामले बढ़े, तीन माह में 601 लोग हो चुके शिकार | डॉग बाइट पर कंट्रोल नहीं | Patrika News
बालोद

कुत्तों के काटने के मामले बढ़े, तीन माह में 601 लोग हो चुके शिकार

बालोद जिले में श्वानों (कुत्तों) की संख्या सीमित करने कोई प्रयास नहींं किया जा रहा। नगर पालिका ने किसी प्रकार की बधियाकरण की योजना नहींं बनाई है। शहर में घूम रहे श्वानों से शहरवासियों सहित ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी परेशान हैं।

बालोदJul 07, 2025 / 11:19 pm

Chandra Kishor Deshmukh

बालोद जिले में श्वानों (कुत्तों) की संख्या सीमित करने कोई प्रयास नहींं किया जा रहा। नगर पालिका ने किसी प्रकार की बधियाकरण की योजना नहींं बनाई है। शहर में घूम रहे श्वानों से शहरवासियों सहित ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी परेशान हैं।
Dog bite : बालोद जिले में श्वानों (कुत्तों) की संख्या सीमित करने कोई प्रयास नहींं किया जा रहा। नगर पालिका ने किसी प्रकार की बधियाकरण की योजना नहींं बनाई है। शहर में घूम रहे श्वानों से शहरवासियों सहित ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी परेशान हैं। बच्चे, महिला, पुरुष व बुजुर्गों का चलना-फिरना मुश्किल हो गया है। जिले के शासकीय अस्पतालों में रोजना श्वान के काटने से पीडि़त मरीज इलाज कराने आ रहे हैं। तीन माह में करीब 601 लोग डॉग बाइट के शिकार हो चुके हैं। पीडि़तों का जिला अस्पताल, सामुदायिक एवं प्राथमिक अस्पताल में उपचार चल रहा है। जिला अस्पताल में ही तीन माह में 42 पीडि़त लोगों ने इलाज कराने आए। अप्रैल में 14, मई में 11 व जून में 17 मरीजों ने इलाज कराया। श्वानों का बधियाकरण अभियान नगर पालिका ने 8 साल पहले चलाया था, जो बाद में बंद हो गया।

सड़क पर चलना मुश्किल

शहर में आवारा श्वान का आतंक लगातार बढ़ रहा है। आतंक बरसात के मौसम में दिख रहा है। इस वर्ष अप्रैल से जून तक 601 लोग चपेट में आ चुके हैं। ज्यादातर लोगों को पैदल व बाइक से जाते समय श्वानों ने दौड़ाकर काटा है। श्वानों के दौड़ाने का क्रम शहर में सुबह-शाम व रात्रि में अधिक नजर आता हैं।
यह भी पढ़ें

सीमेंट में फ्लाई एस मिलाकर कर रहे थे कालाबाजारी, व्यापारी सहित कर्मचारी गिरफ्तार

इन मोहल्लों में ज्यादा आतंक

शहर कर पांडेपारा नयापारा, लोक निर्माण कॉलोनी, रेलवे कॉलोनी एवं टिकरापारा क्षेत्र सहित शहर के विभिन्न मोहल्लों में आवारा श्वानों का आतंक हैं। शाम होते ही आतंक बढ़ जाता है। इससे सफर करना खतरे से खाली नहींं होता। इन दिनों झुंड बनाकर लोगों को दौड़ा रहे हैं, जिससे लोग भयभीत होकर बाइक से गिर जाते हैं और उनका शिकार हो रहे हैं।

मछली बाजार की और ज्यादा संख्या

शहर में मांस-मटन और मछली की दुकानों में इनकी संख्या अधिक रहती है। दुकानों के बाहर मांस मटन कर अपशिष्ट कच्चे मांस खाने के बाद हिंसक हो जाते हैं। वाहन चालकों, पैदल चल रहे लोगों को दौड़ाने लगते हैं। आवारा श्वान झुंड चौकृचौराहों में भी रहता हैं। अब नगर पालिका से राहत की उम्मीद शहरवासियों को है।
यह भी पढ़ें

खाद के लिए सोसायटी के द्वार में लगा रहे ऋण पुस्तिका की लाइन

जिले में तीन माह में काटने के कितने मामले

माह – मामले
अप्रैल – 221
मई – 204
जून – 186
कुल – 601

स्वास्थ्य विभाग का दावा पर्याप्त एंटी रैबीज

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जेएल उइके ने बताया कि जिले के सभी अस्पतालों में पर्याप्त एंटी रैबीज उपलब्ध है। किसी व्यक्ति को श्वान ने काटा है तो नजदीकी स्वास्थ केंद्र में 24 घंटे के भीतर जरूर एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाएं। रैबीज के कीटाणु कुत्ते की लार में पाए जाते हैं, जो किसी को काटने के दौरान लार से खून में मिल जाते हैं और एक भयावह बीमारी का रूप ले लेते हैं।

बैठक कर चर्चा की जाएगी

बालोद नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिभा चौधरी ने कहा कि शहर में बढ़ रहे श्वानों की संख्या चिंता का कारण जरूर है। जल्द ही इस पर नगर पालिका में बैठक कर चर्चा की जाएगी।

Hindi News / Balod / कुत्तों के काटने के मामले बढ़े, तीन माह में 601 लोग हो चुके शिकार

ट्रेंडिंग वीडियो