इंटरनेट और ट्रेवल कंपनी के माध्यम से घर के बारे में पता लगाया
मगेश्वर भटकते हुए तेलंगाना के सरपंच अब्दुल गफ्फार को मिला। उसने पूछताछ में अपने घर के पुराना नंबर ही बता पाया। इसके बाद सरपंच और उसके साथियों ने इंटरनेट से सर्च किया, तब पता चला वह छत्तीसगढ़ के बालोद से है। फिर बालोद के ट्रेवल कंपनी से बात कर जानकारी ली और परिजनों से बात की। मोबाइल नंबर मिला तो वीडियो कॉलिंग से उसके भाई विशाल ने मगेश्वर से बात की। इसके बाद सरपंच अब्दुल गफ्फार व उनके साथियों ने लगभग 500 किमी सफर तय कर दंतेवाड़ा पुलिस में कार्यरत विशाल ठाकुर के पास उस छोड़ा। दंतेवाड़ा पुलिस व बड़े भाई ने सरपंच को दिया 10 हजार इनाम
सरपंच सहित उनके साथियों के इस प्रयास की दंतेवाड़ा पुलिस ने सराहना की और 10 हजार रुपए इनाम राशि भेंट की। सरपंच अब्दुल गफ्फार, मोहम्मद सद्दाम, बी. चेनाई, के. महेश, सी. मलेश भी साथ आए थे। मगेश्वर काफीी कमजोर हो चुका है। उसकी मानसिक स्थिति भी थोड़ी ठीक नहीं है। हालांकि पहले से सुधार आ रहा है। धीरे-धीरे वह लोगों को पहचान रहा है।
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मगेश्वर ने कहा- सब कुछ लुटेरों ने छीन लिया
मगेश्वर ने बड़े भाई विशाल ठाकुर को बताया कि वह ईशा फाउंडेशन के महाशिवरात्रि मेले में शामिल हुआ। इसके बाद उसका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ गया। उसके साथ क्या हुआ, याद नहीं है। अपने आप इधर-उधर चलने लगा। अकेला पाकर कुछ लोगों ने मोबाइल पैसे सब छीन लिए। दर-दर की ठोकर खाता रहा। कोई तरस खाकर उसे खाना देता था तो कोई दुत्कार देता था।
मेरी बहन की शादी में जाना है
जिस समय मगेश्वर कोयंबटूर गया तो कुछ माह बाद ही उसकी बहन की शादी थी। लापता होने की वजह से वह बहन की शादी में शामिल नहीं हो पाया, लेकिन आज भी कह रहा है कि बहन की शादी में घर जाना है।