पहले प्रयास में चयनित
उनकी माता अंजनी और पिता दौलत राम ठाकुर रोजी मजदूरी के भरोसे गुजारा कर रहे हैं। परिवार में उनकी एक छोटी बहन भी है। सभी की जिमेदारी भविष्य में फनीष कुमार पर ही आने की थी। देश सेवा के जज्बे के साथ
आर्मी की तैयारी कर रहा था और पहले ही प्रयास में अग्निवीर के लिए चयनित हो गया।
अग्निवीर के लिए कॉलेज की पढ़ाई शुरू नहीं की
उन्होंने ठान रखा था कि अग्निवीर में चयनित होना है। इसलिए 12वीं के बाद कॉलेज की पढ़ाई शुरू ही नहीं की थी। लगन के साथ शारीरिक और लिखित परीक्षा की तैयारी में लगा रहा और उसे सफलता मिल गई। गरीब परिवार से अग्निवीर के लिए चयनित होने से गांव में जश्न का माहौल रहा। फनीष अपनी ट्रेनिंग लेने सिकंदराबाद रवाना हो चुका है। ग्रामवासियों ने उनका तिलक अभिनंदन कर विदाई दी और उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
एक ही दिशा में प्रयासरत रहा
फनीष का कहना है कि घर की आर्थिक स्थिति कमजोर है। 12वीं गणित विषय लेकर झलमला हायर सेकंडरी स्कूल में पढ़ाई की थी। बचपन से ही सोच रखा था कि एक दिन आर्मी में जाऊंगा। इसी सोच के कारण एक ही दिशा में प्रयासरत रहा और सफलता मिल गई। उनकी सफलता से गांव के अन्य युवा भी उत्साहित हैं। देश सेवा में जाने की तैयारी कर रहे हैं।