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बलोदा बाज़ार

CG Monsoon 2025: मौसम में फिर बदलाव! आज इस जिले में हो सकती है बारिश, जानिए प्री मॉनसून और मॉनसून में क्या है अंतर…

CG Monsoon 2025: प्री मॉनसून बारिश तेज होती है। थोड़े समय के लिए राहत देती है। इसके बादल अधिक तापमान पर ऊपर की ओर बनते हैं। सीमित क्षेत्र में बरसते हैं। इनमें धूलभरी हवाएं और झोंकों का असर ज्यादा होता है।

बलोदा बाज़ारMay 30, 2025 / 11:15 am

Khyati Parihar

Monsoon 2025(सोर्स: पत्रिका)

Monsoon 2025(सोर्स: पत्रिका)

CG Monsoon 2025: लगातार दो महीने से भीषण गर्मी और उमस से जूझ रहे बलौदाबाजार और आसपास के इलाकों को गुरुवार शाम थोड़ी राहत मिली। दोपहर 4 बजे के करीब 15 से 20 मिनट तक झमाझम बारिश हुई। यह इस साल की पहली प्री मॉनसून बारिश थी, जिसने मौसम का मिजाज बदल दिया। बारिश के साथ आई ठंडी हवा से लोगों को गर्मी से कुछ देर के लिए राहत तो मिली, लेकिन जैसे ही बारिश रुकी, उमस ने फिर से लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया।

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मौसम विभाग ने इस बार संकेत दिए हैं कि दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य समय से पहले ही प्रदेश में दस्तक दे सकता है। अरब सागर से उठे मानसून के बादल पहले ही बस्तर क्षेत्र तक पहुंच चुके हैं। अनुमान है कि एक-दो दिनों में पूरे छत्तीसगढ़ में मानसून सक्त्रिस्य हो सकता है।
हालांकि, गुरुवार को हुई बारिश को प्री मॉनसून बारिश माना जा रहा है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई है। विशेषज्ञों के अनुसार, प्री मानसून की बारिश आमतौर पर गर्मी और अत्यधिक आर्द्रता की स्थिति में होती है। यह शाम के समय ही आती है।

प्री मॉनसून और मॉनसून में क्या है अंतर, जानिए…

प्री मॉनसून बारिश तेज होती है। थोड़े समय के लिए राहत देती है। इसके बादल अधिक तापमान पर ऊपर की ओर बनते हैं। सीमित क्षेत्र में बरसते हैं। इनमें धूलभरी हवाएं और झोंकों का असर ज्यादा होता है। यह बारिश दिन के दूसरे हिस्से, खासकर दोपहर बाद या शाम को होती है। इसके उलट, मानसून की बारिश परतदार बादलों से होती है। ये बादल बड़े क्षेत्र में फैलते हैं।
लंबे समय तक रुकने वाली बारिश करते हैं। इसमें नमी की मात्रा ज्यादा होती है। पूरे इलाके का मौसम एक जैसा हो जाता है। मानसून बारिश दिन के किसी भी समय हो सकती है और इसका असर लंबा रहता है। अच्छी बारिश कृषि और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करती है। ऐसे में मॉनसून का समय पर आना और पर्याप्त वर्षा बेहद जरूरी है।
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तापमान में गिरावट

मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से गिरकर 36.37 डिग्री तक पहुंच गया। हालांकि बारिश के बाद आई चिपचिपी गर्मी ने राहत स्थायी नहीं रहने दी। पिछले दो दिनों से आसमान में बादल छाए रहने से तापमान में पहले ही थोड़ी गिरावट देखने मिल रही थी। बारिश के दौरान शहर की सड़कों पर रौनक लौट आई। युवा बाइक पर सवार होकर बारिश का मजा लेने निकल पड़े। बच्चे घरों की छतों और आंगनों में भीगते नजर आए। ठंडी हवाओं और तेज फुहारों ने दोपहर की तपन को कुछ हद तक शांत कर दिया। दुकानों और गलियों में भी लोग बारिश का आनंद लेते देखे गए।

मौसम की चाल पर किसानों की है नजर

गुरुवार की पहली झमाझम बारिश जहां लोगों के लिए ताजगी लेकर आई, वहीं किसानों की नजर अब पूरी तरह मॉनसून पर टिक गई है। खेतों की जुताई की शुरुआत, बीज बोवनी और अन्य तैयारियों के लिए बारिश की निरंतरता जरूरी है। फिलहाल शगरवासियों को गर्मी से कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन उमस और अनिश्चित मौसम अब भी परेशानी का कारण बने हुए हैं। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे उमीद है कि इलाके में ठंडक बनी रहेगी।

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