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बैंगलोर

बच्चों पर नहीं डालें अनावश्यक दबाव, भावनात्मक समर्थन जरूरी

विपक्ष के नेता आर. अशोक ने भी अभिभावकों से अपील की और बोर्ड परीक्षाओं के दौरान छात्रों के तनाव को उजागर किया। उन्होंने जोर देकर कहा, छात्रों पर अवास्तविक उम्मीदों का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए।

बैंगलोरMar 22, 2025 / 10:09 am

Nikhil Kumar

कर्नाटक विधानसभा Karnataka Legislative Assembly ने विद्यार्थियों को अपनी शुभकामनाएं दीं और अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अनावश्यक दबाव डालने से बचें। इस महत्वपूर्ण समय में भावनात्मक समर्थन emotional support के महत्व पर जोर दें।

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विधानसभा को संबोधित करते हुए स्पीकर यूटी खादर U T Khader, Speaker of the Karnataka Legislative Assembly ने कहा, आज एसएसएलसी परीक्षा Karnataka Sslc Exam में शामिल होने वाले छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक मील का पत्थर शुरू हुआ है। हम सभी छात्रों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं और उन्हें आत्मविश्वास के साथ अपनी परीक्षाएं लिखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ-साथ माता-पिता और शिक्षकों का समर्थन निस्संदेह उन्हें सफलता की ओर ले जाएगा।सदन ने सोशल मीडिया social media पर फर्जी प्रश्न पत्रों के प्रसार पर भी चिंता जताई।
स्पीकर खादर ने बताया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से लीक हुए प्रश्न पत्रों तक पहुंच question paper leak का दावा करने वाले भ्रामक संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं, जिससे छात्र धोखाधड़ी की योजनाओं में फंस रहे हैं। उन्होंने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री मधु बंगरप्पा से इस तरह की गड़बड़ियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया।
मंत्री ने आश्वासन दिया कि सख्त निगरानी की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा, इस तरह के संदेशों को फॉरवर्ड करना एक गंभीर अपराध है। हमने परीक्षाएं सुचारू रूप से आयोजित करने के लिए आवश्यक सावधानी बरती है।
विपक्ष के नेता आर. अशोक ने भी अभिभावकों से अपील की और बोर्ड परीक्षाओं के दौरान छात्रों के तनाव को उजागर किया। उन्होंने जोर देकर कहा, छात्रों पर अवास्तविक उम्मीदों का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए। अभिभावकों को उनका साथ देना चाहिए और उन्हें सकारात्मक बने रहने में मदद करनी चाहिए।
कृपांक अंक से जुड़ी चिंताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा, पिछले वर्ष, मैंने कृपांक अंक grace marks देने के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था, क्योंकि छात्रों के प्रदर्शन से उनकी वास्तविक क्षमताओं का पता चलना चाहिए। कोविड-19 Covid महामारी के दौरान कृपांक अंक दिए गए थे, लेकिन इस वर्ष ऐसे प्रावधानों के बिना परीक्षा आयोजित की जाएगी।

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