उन्होंने कहा कि धारवाड़ जिले में 2,200 किसानों Farmer ने बाजरा उगाया है और उन्हें दो करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि मिली है। बाजरा उगाने वाले जिलों में कलघटगी तालुक पहले स्थान पर है, जहां 1,500 से अधिक किसान बाजरा उगा रहे हैं। अन्य तालुकों के किसानों को भी बाजरा उगाने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
बाजरा उगाने वाले क्षेत्र का विस्तार करने के लिए विभाग ने कई उपाय किए हैं।उन्होंने कहा, चमत्कारी भोजन के नाम से मशहूर बाजरा प्राचीन भारतीय व्यंजनों में मुख्य स्थान रखता था। लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न बाहरी कारकों के कारण बाजरे की खेती में कमी आई है। जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के बढऩे के कारण बाजरे ने एक बार फिर जोरदार वापसी की है। किसानों को बाजरे की खेती और प्रसंस्करण के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए विभाग ने कई पहल शुरू की हैं।
Karnataka सरकार बाजरा उत्पादकों को प्रति हेक्टेयर 10,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि देती है। चूंकि यह फसल पूरे साल और कठोर जलवायु में उगाई जा सकती है, इसलिए किसानों को नुकसान होने की संभावना कम है। किसानों को छोटे-छोटे समूह बनाकर प्रसंस्करण और विपणन में शामिल होना चाहिए, जिससे उन्हें अच्छी आय होगी।