स्थानीय लोगों को विश्वास में लेने, मानव आवासों में वन्यजीवों के घुसपैठ की शिकायतों को दूर करने , शिकार रोकने और सीमावर्ती गांवों में वन्यजीवों के प्रति दुश्मनी न पनपने देने में फॉरेस्ट वाचर्स की भूमिका अहम होती है। लेकिन, महीनों से बकाए वेतन को लेकर नाराजगी थी और फॉरेस्ट वाचर्स ड्यूटी पर नहीं थे। विभाग के अधिकारियों से कई बार संपर्क करने के बाद भी मसला हल नहीं हुआ था। बाघों की मौत के कुछ दिन पहले सभी ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। बाघों की मौत ने इस मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बीते दो दिनों में लगभग 250 कर्मचारियों के लंबित भुगतान को मंजूरी मिली।
चामराजनगर सर्कल के मुख्य वन संरक्षक टी. हीरालाल ने बताया कि सभी कर्मचारियों के लंबित वेतन का भुगतान कर दिया गया है। मई तक का भुगतान हो चुका है। जून महीने का भुगतान अगले सप्ताह हो जाएगा।उल्लेखनीय है कि पत्रिका ने 27 जून को वनों की सुरक्षा करने वालों की खुद की जिंदगी असुरक्षित शीर्षक खबर के माध्यम से फॉरेस्ट वाचर्स की दयनीय स्थिति और वेतन संबंधी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया था।