न्यायाधीश एम नागप्रसन्ना ने अपने आदेश में एफआईआर पर रोक लगाई और पुलिस को मामले में कोई भी जांच करने से रोक दिया। अली ने दावा किया कि सिंधुरी एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी हैं, इसलिए पुलिस द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है, जिसके बाद अदालत ने यह आदेश पारित किया।
अली ने इस साल की शुरुआत में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 126(2),3(5),324(3),329(3) के तहत गलत तरीके से रोकने, धमकाने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और अनाधिकार प्रवेश करने का आरोप है।
सिंधुरी की सास जी बुज्जम्मा की शिकायत के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस साल जून में 64 वर्षीय अली ने कथित तौर पर जमीन हड़पने को लेकर सिंधुरी, उनके पति और उनके देवर के खिलाफ शिकायत लेकर कर्नाटक लोकायुक्त का दरवाजा खटखटाया था।
उन्होंने दावा किया था कि सिंधुरी की मदद से कुछ निजी लोग उनकी संपत्ति पर अतिक्रमण कर रहे हैं। हाई कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को करेगा।