कर्नाटक सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (केएमएफ) और जिला दुग्ध संघों के अध्यक्षों और प्रबंध निदेशकों के साथ सोमवार को अपने आवास पर एक बैठक में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मूल्य वृद्धि पर निर्णय मंत्रिमंडल में चर्चा के बाद लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में दूध की कीमतें तुलनात्मक रूप से कम हैं, उन्होंने कहा कि यदि दूध की कीमतें बढ़ाई जाती हैं, तो इस तरह के निर्णय का पूरा लाभ डेयरी किसानों को दिया जाना चाहिए। उन्होंने संघों के इस अनुरोध पर सहमति नहीं जताई कि यदि वृद्धि की जाती है, तो कुछ राशि संघों में बढ़ते रखरखाव खर्चों से निपटने के लिए दी जाए।
दुग्ध संघों को अपने खर्च कम करनेे की नसीहत
पारदर्शिता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि दुग्ध संघों को खर्च कम करना चाहिए और जब तक आवश्यकता न हो, तब तक अधिक संविदा कर्मचारियों को नियुक्त नहीं करना चाहिए। उन्होंने दूध संघों के प्रमुखों को चेतावनी देते हुए कहा, किसी भी परिस्थिति में प्रशासनिक व्यय में 2 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि नहीं होनी चाहिए। उन्होंने उनसे अगले तीन महीनों के भीतर अपने प्रशासनिक व्यय में 2.5 प्रतिशत की कमी करने को कहा। फरवरी के अंत तक कम से कम तीन दूध संघ घाटे में चल रहे हैं। बेल्लारी के दूध संघ को 1.43 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है।