अलग राज्य की मांग दबाई जाती रही – सांसद राजकुमार रोत
सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि आज स्कूलों में 10 हजार साल पुराना इतिहास पढ़ाया जा रहा है। आजादी से अब तक उठती रही अलग राज्य की मांग दबाई जाती रही है। 1913 में गोविन्द गुरु महाराज के नेतृत्व में सैकड़ों आदिवासियों ने मानगढ़ की इसी पहाड़ी पर इसी मुद्दे पर शहादत दी। भाजपा नेता दिलीप सिंह भूरिया यह मांग उठा चुके, इस इलाके का छोटा-छोटा बच्चा भीलप्रदेश मांग रहा है।राजस्थान का गौरव आदिवासी समुदाय के बिना अधूरा
1913 में बांसवाड़ा में, 1925 में महाराष्ट्र के सतपुरा-नंदुरबा में, 1970 में उसी जगह रामदास महाराज ने मांग उठाई। राजस्थान का गौरव आदिवासी समुदाय के बिना, उनके बलिदान के बिना अधूरा है। 1576 में हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के साथ कंधे से कंधा मिलाकर वहां के भीलों ने लड़ाई नहीं लड़ी होती तो परिणाम कुछ और होता।सांसद राजकुमार रोत की सफाई, कंट्री का मतलब क्षेत्र होता है, न कि देश
सांसद राजकुमार रोत बोले- एक बड़े भाजपा नेता ने गौरवशाली राजस्थान के इतिहास को भील प्रदेश का नक्शा जारी कर तोड़ने के प्रयास का आरोप मुझ पर लगाया। कुछ लोगों ने कहा, राजकुमार रोत पर राजद्रोह का मुकदमा होना चाहिए। इस बात के लिए कि मैंने कंट्री का नक्शा जारी किया। आप अधिकारी होकर नेता बने हो। कंट्री का मतलब एरिया या क्षेत्र होता है, न कि देश होता है।
ऐसा स्वरूप चाहते हैं आदिवासी
4 राज्यों के 44 जिलों को शामिल कर आदिवासियों के लिए अलग राज्य की मांग को मौजूदा समय में भारत आदिवासी पार्टी के नेताओं के नेतृत्व में जोर-शोर से उठाया जा रहा है।2- गुजरात व मध्यप्रदेश के 13-13 तथा महाराष्ट्र के 6 जिले।
3- बीएपी सांसद राजकुमार रोत ने हाल ही में 49 जिलों को शामिल कर नक्शा जारी किया।