कुशलगढ़ डीएसपी शिवन्या सिंह ने बताया कि रिपोर्ट अनुसार जालौर के भीनमाल निवासी वीरमाराम पुत्र गंगाराम जाट उदयपुर के एक कॉलेज से भूगोल विषय में एमए कर रहा था। इसी दौरान
बांसवाड़ा के कुछ लोगों से दोस्ती हुई। इसमें कुशलगढ़ निवासी विजय सिंह मईड़ा अपने साथ में वालसिंह गणवा पुत्र धूलजी गणावा निवासी खेड़पुर को लेकर आया। फिर उनकी दोस्ती हो गई। इसके बाद वर्ष 2008-09 में संस्कृत विभाग में संस्कृत में
थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती निकली। इस पर वालसिंह ने वीरमाराम को ऑफर दिया कि उसका सलेक्शन करा दोगे तो 1.50 लाख रुपए देगा।
दलाल ने अपना फोटो लगा भरा आवेदन
ऐसे में वीरमाराम ने खुद ही फॉर्म भरा और एडमिशन कार्ड पर अपना फोटो लगाया और हस्ताक्षर भी किए। जब परीक्षा हुई और रिजल्ट आया तो वालसिंह का सलेक्शन हो गया। ऐसे में तय राशि वीरमाराम को मिल गई। इसके बाद वर्ष 2017-18 में विभाग में हैड मास्टर की जगह निकली।
ऐसे में एक बार फिर से वालसिंह ने वीरमाराम से संपर्क किया और 7 लाख में सौदा तय कर लिया। इस बार भी वीरमाराम ने डमी के रूप में परीक्षा दी। और सलेक्शन हो गया और खेड़पुर में ही पोस्टिंग मिल गई। पर वाल सिंह ने 7 लाख के बजाय 4.50 लाख रुपए ही दिए।