प्राकृतिक सौंदर्य
मानसून में पूरे क्षेत्र में हरियाली छा जाती है। छोटी पहाड़ियों पर घास, पेड़ एवं छोटे जलाशयों की भरमार एक दिलकश नजारा पेश करती है। एकल सड़क से चढ़ाई में थोड़ी मुश्किल आती है, लेकिन ऊपर पहुंचने के बाद का नजारा थकावट दूर कर देता है। पहाड़ी पर ताजी हवा और प्रकृति में एकांत का पूरा अहसास अलौकिक होता है।सबसे अच्छा वक्त, अभी निकल पड़ें
मानसून (जुलाई-सितंबर) सबसे आकर्षक समय है। मानसून के बाद की सर्दियां भी काफी सुहावनी होती हैं, जब ठंडक और हरियाली दोनों का मज़ा मिलता है।दूरी
बांसवाड़ा शहर से बाहर माहीडेम रोड के नजदीकी रास्ते से करीब 12 किमी दूरी पर स्थित है।सुविधाएं व आकर्षण
ऊपरी हिस्से में हनुमानजी का एक प्रमुख मंदिर है, जहां श्रद्धालु भी जाते हैं।सड़क सुविधा
मंदिर तक सड़क बनी हुई है, लेकिन मार्ग निर्देशों के लिए स्थानीय सहायता लेना बेहतर होता है।क्योंकि गूगल मैप हर बार काम नहीं करता।कैसे पहुंचें?
1- नजदीकी रेलवे स्टेशन : रतलाम (85 किमी), एयरपोर्ट : उदयपुर (170.4 किमी) व इन्दौर (224.6 किमी)।2- डूंगरपुर, रतलाम, जयपुर और उदयपुर से सड़क मार्ग से जुड़ाव है।
इन बातों का रखें खास ध्यान
1- अपने साथ थोड़ा फूड, पानी, और लोकल जानकार या गाइड रखें, क्योंकि रास्ता, स्थानीय – भाषा की दिक्कत हो सकती है।2- मोबाइल, चार्जर व पावर बैंक साथ रखें।
3- गूगल मैप के भरोसे नहीं रहें, लोकल लोगों से रास्ता पूछते रहें।