इस टनल से 8.75 किलोमीटर लबी दाईं मुख्य नहर निकलेगी, जिससे बारां जिले के 90 किमी इलाके में सिंचाई की सुविधा मिलेगी। फिलहाल बांध के सभी गेट का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है, जबकि अन्य निर्माण कार्य प्रगति पर है। परवन बांध 38 मीटर ऊंचा और 490 मिलियन घन क्षमता का है।
संभवत: 25 या 26 अप्रेल को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बांध और टनल का निरीक्षण कर सकते है। मुख्यमंत्री के संभावित कार्यक्रम को देखते हुए झालावाड़ और बारां के जिला प्रशासन व सिंचाई महकमे ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जल संसाधन विभाग के अनुसार परवन सिंचाई परियोजना से 637 गांवों के 2.02 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में स्काडा नियंत्रित प्रेशराइज्ड पाइप द्वारा फव्वारा पद्धति से सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा 1821 गांवों में पेयजल, विद्युत उत्पादन और वन्यजीवों के लिए पानी सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए 61 डिग्गियां बनाई जाएंगी, इसमें 19 बाईं ओर और 33 दाईं ओर रहेंगी। 9 डिग्गियां शेरगढ़ अभयारण्य क्षेत्र में भी सिंचाई और पेयजल उपलब्ध कराएंगी।
डिग्गी से खेत तक पानी
खानपुर क्षेत्र में 38 किमी में 12 डिग्गियां और सांगोद क्षेत्र में 14 किमी में 7 डिग्गियां बनाई जा रही हैं। नहरों से पाइप के जरिए पानी डिग्गी पंप हाउस पहुंचेगा, जहां से 3000 हैक्टेयर क्षेत्र में पाइपलाइन के जरिए सिंचाई की जाएगी। प्रथम फेज में खानपुर तहसील के 81 गांवों और सांगोद के 48 गांवों में 43 हजार 159 हैक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी। बाईं मुख्य नहर से सारोला कलां के खाळ से खरंड नदी और द्वितीय फेज में फुंगाहेड़ी गांव में उजाड़ नदी में पानी छोडऩे का प्रस्ताव है। इससे देवली, डांडिया, धुलेट, हरिश्चंद्र सागर केनाल सीएडी प्रथम व द्वितीय और भीमसागर नहरों को जोड़कर 45 हजार हैक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई का पानी मिलेगा। परवन बांध में कुल 21 ब्लॉक,15 ओवरफ्लो और 6 नॉन ओवरफ्लो का सीमेंट कंकरीट कार्य पूर्ण हो चुका है। गैलरी निर्माण भी पूरा हो चुका है। इसके पांच 10 गेट तैयार हैं, शेष कार्य प्रगति पर है।
देश की सबसे बड़ी जल सुरंग तैयार हो चुकी है। परवन बांध का निर्माण कार्य 92 फीसदी पूर्ण किया जा चुका है। बांध के 10 गेट लग चुके है। दो गेट के फ्रेम लगा दिए हैं।शेष गेट कार्य दो सप्ताह में पूर्ण कर लिया जाएगा।- अजित जैन, अधीक्षण अभियंता जल संसाधन विभाग वृत, झालावाड़