रविवार को अल सुबह 4 बजे से ही पावक व प्रभाष को ट्रेंक्युलाइज करने की प्रक्रिया शुरू हुई और लगभग 3 घंटे में ट्रेंक्युलाइज करने, स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने और बॉक्स में रखने की प्रक्रिया पूरी हुई। दोनों चीतों को अलग-अलग ङ्क्षपजरे में रखकर गाडियों में रखा गया। इसके बाद श्योपुर के सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा के नेतृत्व में विशेष गाडिय़ो के काफिले के साथ पावक व प्रभाष का कूनो से गांधीसागर का सफर तय हुआ। सुबह 8 बजे कूनो के पालपुर क्षेत्र से रवाना हुआ 10 गाडिय़ों का काफिला टिकटोली गेट से निकल कर सेसईपुरा, कराहल होते हुए गोरस, पारोन स्टेट हाइवे से होते हुए राजस्थान की सीमा में खण्डेला पहुंचे। यहां से केलवाड़ा एनएच 27 से होते हुए गांधीसागर मंदसौर तक का सफर पूरा हुआ। इस दौरान लगभग 7 घंटे का सफर तय करते हुए चीतों का ये काफिला दोपहर 3 बजे गांधीसागर पहुंचा। इस दौरान चिकित्सकों की टीम और अन्य फील्ड स्टाफ भी साथ रहा।
बारां वन विभाग की टीम ने किया एस्कॉर्ट चीतों को बारां जिले से होकर कोटा जिले से गांधीसागर अभयारण्य ले जाया गया। उप वन संरक्षक अनिल यादव ने बताया कि राजस्थान की सीमा में खण्डेला से चीतों के काफिले को एस्कार्ट करते हुए कोटा जिले की सीमा सीमलिया तक पहुंचाया गया। जहां से 8 लेन एक्सप्रेस वे होते हुए गांधी सागर पहुंचे। डीएफओ यादव ने बताया कि चीतो का काफीला कूनो से होते हुए सुबह करीब 9.30 बजे खण्डेला पहुंचा, जहां से काफिले को एस्कॉर्ट किया गया। करीब 100 किलोमीटर के बारां जिले के मार्ग में दर्जनभर स्थानों पर प्वांइट बनाकर सुरक्षा पुख्ता रखी गई। रास्ते में पडऩे वाले फतेहपुर टोल प्लाजा तथा पलायथा टोल प्लाजा पर सिग्नललैस रोड करवाया गया। चीतों को विशेष सुविधाओं से युक्त वातानुकूलित दो वाहनों से अलग-अलग ले जाया गया।