पं. जर्नादन शुक्ला ने बताया, भारतीय ज्योतिष शास्त्र में नवग्रह के अंतर्गत आने वाले शनि 29 मार्च को कुंभ राशि को छोड़ के मीन राशि में प्रवेश करेंगे। शनि समय-समय पर वक्री और मार्गी होते रहेंगे। मीन राशि पर शनि का गोचर राशियों तथा अलग-अलग क्षेत्र में प्रभाव डालेगा। यही नहीं, प्राकृतिक, सामाजिक तथा राजनीतिक आर्थिक विशेष परिवर्तन भी सामने दिखाई देंगे। कानूनी मामलों में संशोधन होंगे, धर्म अध्यात्म में वृद्धि होगी।
1968 के बाद पंचग्रही युति का योग शुक्ला ने बताया, जिस समय शनि का राशि परिवर्तन होगा, उस समय पंचग्रही युति बनेगी। इन पांच ग्रहों में सूर्य, बुध, शुक्र, शनि, राहु मीन राशि पर रहेंगे। इस प्रकार का योग 1968 में बना था। इस प्रकार की स्थिति धर्म, अध्यात्म, संस्कृति व सनातन परंपरा के लिए अनुकूल है। आधुनिक विज्ञान से संबंधित अलग-अलग प्रकार के शोध एवं चिकित्सा क्षेत्र से संबंधित व्याधियों के निराकरण के लिए नए ट्रीटमेंट का लाभ आने वाले समय में मानव हित में प्राप्त हो सकेगा।
राशि पर होंगे अलग-अलग प्रभाव मेष : शनि की साढ़ेसाती का पहला ढैया आरंभ होगा अधिक सोचने से बचने की आवश्यकता रहेगी, जल्दबाजी न करें। वृषभ : कार्य में प्रगति होगी, फिर भी एकदम भरोसा ना रखें। नुकसान हो सकता है।
मिथुन : स्वास्थ्य में सुधार की स्थिति, पद प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी। आर्थिक पक्ष उत्तम होगा। कर्क : शनि की ढैया उतरेगी, मित्रों के माध्यम से लाभ की स्थिति रहेगी, आगे बढ़ सकेंगे।
ङ्क्षसह : शनि की ढैया लगेगी, रुके कार्य इस दौरान पूर्ण हो सकेंगे, एक बार फिर समय अनुकूल होगा। कन्या : सहयोग के लिए मित्र वर्ग व परिजन आगे आएंगे, आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।
तुला : शनि की अनुकूलता के लिए उपचार की आवश्यकता होगी, बड़े पद का लाभ मिलेगा।
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वृश्चिक : सहयोगी क्षेत्र से लाभ तथा कार्य के रास्ते खुलेंगे। आर्थिक समस्या निराकरण होगा। धनु : संपत्ति में वृद्धि, नए वाहन की प्राप्ति, आर्थिक पक्ष की मजबूती एवं सम्मान बढ़ेगा। पद प्राप्त हो सकेगा।
्रमकर : शनि की साढ़ेसाती समाप्त होगी। राहत का अनुभव होगा। कार्य गति से आगे बढ़ेंगे। कुंभ : शनि की साढ़ेसाती का अंतिम ढैय्या लाभकारी रहेगा, योजनाओं को मजबूत बनाएं। मीन : शनि की साढ़ेसाती का दूसरा ढैय्या लगेगा। स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता, परिवार में मांगलिक कार्य होगा।
पहले की तरह शताब्दी लिखेगी इतिहास ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि 1968 के बाद विज्ञान, चिकित्सा, समाज, अर्थव्यवस्था में जो परिवर्तन आया वह ग्रह प्रभाव से ही था। अब 2025 में जो परिवर्तन शुरू होगा वह आने वाले 30 वर्षों के लिए आधारभूत संरचना को ऐतिहासिक बनाएगा।