जनवरी से शुरू हुआ विवाद, फरवरी में उभरा आक्रोश
कंपनी में भुगतान न होने को लेकर विवाद की शुरुआत जनवरी 2025 में हुई थी। फरवरी में जब निवेशकों का गुस्सा फूटा, तो भारी हंगामा हुआ और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीएसी तक बुलानी पड़ी। इसके बावजूद, लंबे समय तक कोई ठोस पुलिस कार्रवाई नहीं हुई। निवेशकों का आरोप है कि भाजपा नेता सूर्यकांत मौर्य और उनके भाई शशिकांत मौर्य की राजनीतिक पहुंच के कारण अब तक उन्हें संरक्षण मिलता रहा।
अचानक ताले लगे, निवेशक भटके
शुक्रवार को अचानक कंपनी का ऑफिस बंद मिला और शनिवार को भी ताले लगे रहे। रविवार को बदायूं के मीरा सराय स्थित कार्यालय पर कई निवेशक पहुंचे, लेकिन उन्हें वहां ताला लटका मिला। इस दौरान लोगों में काफी आक्रोश देखा गया।
गेट पर चस्पा किया गया नोटिस
कंपनी के कार्यालय के मुख्य द्वार पर एक नोटिस लगाया गया है, जिसमें लिखा गया है कि “ऑफिस खुला है, सब कुछ सामान्य है। केवल अफवाहें फैलाई जा रही हैं।” साथ ही भीड़ न लगाने की अपील करते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। यह नोटिस कंपनी के कथित “महानिदेशक” के नाम से जारी किया गया है।
भाजपा नेता ने जारी किया वीडियो, निवेशकों को दिलाया भरोसा
इस पूरे मामले में भाजपा नेता सूर्यकांत मौर्य ने रविवार को एक वीडियो जारी कर कहा कि “कंपनी भागी नहीं है, सभी निवेशकों की रकम सुरक्षित है। जैसे ही स्थितियां सामान्य होंगी, सभी को उनकी राशि लौटा दी जाएगी।” हालांकि, उनके इस आश्वासन पर निवेशकों ने भरोसा जताने से इनकार कर दिया है। लोगों का कहना है कि जब तक कंपनी का कोई जिम्मेदार अधिकारी सामने आकर स्थिति स्पष्ट नहीं करता, तब तक उनकी चिंता बनी रहेगी।
एसआईटी गठित, जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारी तैनात
बदायूं के एसएसपी संकल्प शर्मा ने स्वयं संज्ञान लेते हुए एसआईटी का गठन किया है। टीम में एसपी सिटी विजेंद्र द्विवेदी, सीओ सिटी रजनीश उपाध्याय और सदर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक प्रवीण सिंह को शामिल किया गया है। एसएसपी ने कहा, “सिर्फ जांच नहीं, दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। कानून से ऊपर कोई नहीं है।” इन लोगों पर दर्ज हुआ मुकदमा
सदर कोतवाली क्षेत्र के निवासी अरशद खान की शिकायत पर जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, वे हैं:
- शशिकांत मौर्य – निदेशक, अमर ज्योति फाइनेंस कंपनी
- सूर्यकांत मौर्य – भाजपा नेता और शशिकांत के भाई, निवासी कटरा चंद, थाना बारादरी, बरेली
- अमित सिंह – कंपनी मैनेजर
- सुनील बाबू मौर्य – एजेंट, निवासी शहबाजपुर, सदर कोतवाली
- अन्य कर्मचारी व एजेंट – जिनकी भूमिका संदिग्ध मानी गई है
निवेशकों की मांग: कोई जिम्मेदार सामने आए
निवेशक लगातार यही मांग कर रहे हैं कि कंपनी का कोई अधिकृत प्रतिनिधि सामने आकर स्थिति स्पष्ट करे और सभी को भरोसा दिलाए कि उनकी जमा पूंजी सुरक्षित है। वहीं, मामले में सत्ता से जुड़े कुछ प्रभावशाली लोगों की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं।