पूर्व सचिव वी.पी. ध्यानी के निधन के बाद खाली हुए पद को भरने के लिए यह उपचुनाव आयोजित किया गया था। सचिव पद के लिए दीपक पांडेय, गौरव राठौर, आंगन सिंह, अंतरिक्ष, डीडी पांडे, प्रदीप यादव, सुनील वर्मा, नजमा, राकेश श्री, प्रदीप सक्सेना, शशिकांत तिवारी, जितेंद्र यादव और विनोद यादव समेत कुल 13 और कार्यकारिणी सदस्य पद के लिए दीप्ती सक्सेना और लोकनाथ मैदान में थे। चुनाव की पूरी प्रक्रिया भारी सुरक्षा और सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में संपन्न हुई।
मतदान और मतगणना में दिखा जबरदस्त उत्साह
चुनाव में कुल 2,378 अधिवक्ताओं में से 1,908 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह लगभग 80% मतदान रहा। बार सभागार में बनाए गए छह मतदान केंद्रों पर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग हुई। बूथ नंबर-3 पर सबसे अधिक 331 वोट डाले गए। बूथ-1: 325, बूथ-2: 326, बूथ-4: 319, बूथ-5: 311 और बूथ-6 पर 296 मत पड़े। वहीं मतगणना बुधवार दोपहर 12 बजे शुरू हुई। शुरुआती राउंड से ही दीपक पांडे और गौरव राठौर के बीच बेहद करीबी मुकाबला चला। हर राउंड के बाद वोटों का अंतर कभी घटता तो कभी बढ़ता रहा, लेकिन छठे राउंड में दीपक पांडे ने 21 वोटों की निर्णायक बढ़त बनाकर जीत हासिल की।
छात्र राजनीति से बार तक का सफर
बरेली कॉलेज छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष रहे दीपक पांडे लंबे समय से बार की राजनीति में सक्रिय हैं। उनकी संघर्षशील छवि और मिलनसार व्यक्तित्व ने उन्हें खासतौर पर युवा अधिवक्ताओं में लोकप्रिय बना दिया। यही कारण रहा कि चुनाव में उन्हें युवा वर्ग का भारी समर्थन मिला। जैसे ही दीपक पांडे की जीत की घोषणा हुई, उनके समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया। मिठाइयां बांटी गईं, पटाखे फोड़े गए और कैंप कार्यालय में जीत का जश्न देर शाम तक चलता रहा।