कार्यक्रम ऊमुख्य अतिथि माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सुधीर कुमार ने अपने प्रभावशाली उद्बोधन में छात्रों को न्यायिक सेवा की तैयारी हेतु बहुमूल्य सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि “यदि कोई विद्यार्थी जज बनना चाहता है तो उसे शुरुआत से ही लक्ष्य निर्धारित कर तैयारी में जुट जाना चाहिए। ग्रुप स्टडी करें, नए कानूनों का अध्ययन करें, न्यायालय की कार्यवाही देखकर समझ विकसित करें और मार्गदर्शन के लिए एक योग्य गुरु अवश्य बनाएं।”
उन्होंने शिक्षा को राष्ट्र की नींव बताते हुए कहा कि “जब अधिवक्ता समाज अपने बच्चों को मंच देकर सम्मानित करता है, तो यह केवल पुरस्कार वितरण नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम होता है।”
श्री कुमार ने बच्चों को ईमानदारी, परिश्रम और अनुशासन के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी तथा माता-पिता व शिक्षकों को बच्चों की सफलता का असली स्तंभ बताया। इस उत्कृष्ट प्रदर्शन में कक्षा 12वीं के छात्रों में आख्या शर्मा और उन्नति शर्मा ने संयुक्त रूप से प्रथम स्थान (95%), जबकि सात्विक गुप्ता ने द्वितीय स्थान (90%) प्राप्त किया। कक्षा 10वीं में सूर्यवंशी जैन ने प्रथम स्थान (98.80%), मोहम्मद हसनैन खान ने द्वितीय स्थान (95%), तथा सांवि चंद्रा ने तृतीय स्थान (93%) अर्जित किया। गौरतलब है कि अधिकांश छात्र न्यायिक सेवा में जाकर जज बनने की इच्छा जता रहे थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि युवा पीढ़ी अब समाज में न्याय, सत्य और सेवा की भावना के साथ आगे बढ़ रही है।
कार्यक्रम में चयनित प्रतिभाशाली छात्रों को मुख्य अतिथियों द्वारा सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। यह दृश्य न केवल छात्रों के लिए, बल्कि उनके अभिभावकों के लिए भी अत्यंत गर्व का क्षण रहा। पूरे आयोजन में हर्ष और उत्साह का वातावरण बना रहा। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के सदस्य एवं पूर्व अध्यक्ष श्री शिरीष मेहरोत्रा ने समारोह की सराहना करते हुए कहा “यह आयोजन अधिवक्ता समाज की सामूहिक चेतना और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह पहल आने वाले वर्षों में एक परंपरा का रूप लेगी।”
उन्होंने क्लासिक कॉलेज ऑफ लॉ की इस अभिनव सोच को सामाजिक जागरूकता और शैक्षिक उन्नयन की दिशा में एक मील का पत्थर बताया। समारोह का सफल संचालन डॉ. वंकेश कुमार शर्मा एवं शुमाईला अंजुम ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित अधिवक्ताओं, शिक्षकों और अभिभावकों ने कॉलेज प्रबंधन की इस प्रेरणादायक पहल की मुक्त कंठ से सराहना की।
अंत में, सभी मुख्य अतिथियों और विशिष्ट जनों को कॉलेज की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। यह आयोजन न केवल एक सम्मान समारोह था, बल्कि नई पीढ़ी को न्याय, शिक्षा और सामाजिक उत्तरदायित्व की ओर प्रेरित करने वाली एक ऐतिहासिक पहल भी साबित हुआ।