कोतवाली निवासी पीड़िता किरन शर्मा और उनके पति सूर्य प्रकाश शर्मा ने वर्ष 2013 में मेसर्स एलए इंफ्रावेंचर्स प्रा. लि. द्वारा सिविल लाइंस क्षेत्र में विकसित की जा रही योजना में एक लक्जरी फ्लैट बुक कराया था। दंपती का आरोप है कि उन्हें बिना सूचना दिए वह फ्लैट किसी अन्य को बेच दिया गया और जमा धनराशि भी वापस नहीं की गई।
हस्ताक्षर फर्जी, बैंक रिपोर्ट से हुआ खुलासा
दंपती ने न्याय की आस में जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग, बरेली में मामला दर्ज कराया। जवाब में बिल्डर सुनील कुमार तिवारी, हरीश अनेजा और ऋषभ अनेजा ने दावा किया कि पीड़ितों ने स्वयं आवंटन निरस्त करने की प्रार्थना दी थी और उनके बीच समझौता हो चुका है। इसके समर्थन में एक कथित समझौता पत्र व प्रार्थना पत्र भी दाखिल किए गए। राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, लखनऊ ने दिनांक 14 अगस्त 2024 को पारित आदेश में स्पष्ट किया कि समझौते पर किए गए हस्ताक्षर, बैंक से प्रमाणित असली हस्ताक्षरों से मेल नहीं खाते। आयोग ने दस्तावेजों की सच्चाई पर सवाल उठाते हुए इन्हें संदिग्ध व कूटरचित माना।
कोतवाली पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप
दंपती ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाना कोतवाली, बरेली में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। न तो जांच की गई और न ही मामला दर्ज हुआ। पीड़ितों ने एसएसपी से मामले की शिकायत की। जिसके बाद कोतवाली पुलिस ने तीन लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है।