मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि गाजा में इजराइल द्वारा किए जा रहे नरसंहार पर पूरी दुनिया खामोश तमाशबीन बनी हुई है। लाखों मासूम बच्चों और महिलाओं की हत्या की जा चुकी है। उन्होंने कहा इतना जुल्म तो यहूदियों पर हिटलर ने भी नहीं किया था। अगर आज हिटलर जिंदा होता और इजराइल का जुल्म देखता, तो शर्म से सिर झुका लेता। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, अरब लीग और ओआईसी पर भी तीखा हमला बोला और कहा कि मानवाधिकारों की बात करने वाले ये संगठन महज मूक दर्शक बनकर रह गए हैं। उन्होंने अरब देशों पर लाचारगी दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें अपनी भूमिका तय करनी होगी।
अमेरिका को बताया दोगला देश
मौलाना ने अमेरिका को ‘इस्लाम विरोधी’ बताते हुए कहा कि वह हमेशा इजराइल को समर्थन देता रहा है। अगर अमेरिका इजराइल को हथियार देना बंद कर दे, तो इजराइल की औकात नहीं कि वह अरब या फिलीस्तीन पर हमला कर सके। मौलाना ने अमेरिका की नीतियों को दोगली बताते हुए कहा एक ओर ये देश खाने के पैकेट बांटता है, दूसरी ओर बम गिराता है। यही वजह है कि दुनिया के कई देश अब अमेरिका से सतर्क रहने लगे हैं।
ट्रंप को बताया बेवकूफ राष्ट्रपति
मौलाना शहाबुद्दीन ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ट्रंप जैसे बेवकूफ और नासमझ शख्स को राष्ट्रपति बनाना अमेरिका की बदकिस्मती है। उसके बेतुके फैसलों और बयानबाजी से खुद अमेरिका में आगजनी और तोड़फोड़ जैसी घटनाएं हो रही हैं, कई शहरों में कर्फ्यू तक लगाना पड़ा है। मौलाना ने आखिर में कहा कि जब तक दुनिया इस अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर आवाज नहीं उठाएगी, तब तक मासूमों का खून बहता रहेगा।